नई दिल्ली:
जितेन्द्र सिंह के बाद अब मोदी सरकार की मंत्री नजमा हेपतुल्ला के बयान पर विवाद गहरा गया है। नजमा ने कहा था मुस्लिमों को आरक्षण की जरूरत नहीं है। देवबंद ने इस पर सफाई मांगी है।
अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कहा था कि मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं हैं और उन्हें आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।
अब दारुल उलूम देवबंद की ओर से जारी बयान में सरकार से पूछा गया है कि सरकार यह बताए कि यह बयान नजमा का निजी था या इसमें सरकार की भी सहमति थी।
दारुल उलूम देवबंद ने यह भी कहा है कि सच्चर कमेटी कि रिपोर्ट में मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी खराब बताई गई है। ऐसे में मुसलमानों को आरक्षण दिया ही जाना चाहिए।
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