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This Article is From May 25, 2014

जशोदा बेन को भी मिल सकता है नरेंद्र मोदी जैसा सुरक्षा कवच

जशोदा बेन को भी मिल सकता है नरेंद्र मोदी जैसा सुरक्षा कवच
जशोदा बेन की फाइल तस्वीर
भोपाल:

भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पत्नी ने एक छत बेशक साझा न की हो, लेकिन उनकी पत्नी जशोदा बेन को अपने पति जैसा ही सुरक्षा कवच जरूर मिल सकता है।

एक पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि एसपीजी के नियमों के अनुसार, 62-वर्षीय जशोदा बेन उच्च स्तरीय विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के कवर की 100 फीसदी हकदार हैं और मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही जशोदा बेन को भी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

पूर्व सचिव (सुरक्षा) और मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक सुभाष चंद्र त्रिपाठी ने पीटीआई को बताया कि एसपीजी अधिनियम सीधे तौर पर कहता है कि उसे प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्यों को सुरक्षा उपलब्ध करवानी होगी।

उन्होंने कहा, इसलिए जशोदाबेन और उनके पति के बीच के रिश्तों की वस्तुस्थिति के बावजूद यह नियम उनपर भी लागू होता है। त्रिपाठी पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल के कार्यकाल के दौरान सुरक्षा सचिव रह चुके हैं।

जशोदा बेन उत्तरी गुजरात के मेहसाणा जिले के ईश्वरवाड़ा नामक छोटे से गांव में अपने दो भाइयों के साथ रहती हैं। एसपीजी अधिनियम वर्ष 1988 में लागू हुआ था और इसमें वर्ष 1991, 1994 और 1999 में संशोधन हुआ था। यह अधिनियम प्रधानमंत्री और उनके अपने परिवार के सदस्यों को 'निकटस्थ सुरक्षा' उपलब्ध करवाता है। पूर्व प्रधानमंत्री और उनके अपने परिवार के सदस्य भी उनके पद से हटने के 10 साल बाद तक एसपीजी सुरक्षा लेने के अधिकारी हैं।

कार्यालय के लोगों ने कहा कि सुरक्षा लेने वाला व्यक्ति सुरक्षा कवर के लिए इनकार भी कर सकता है, लेकिन ऐसा तभी संभव है, जब उसे कोई खतरा न हो। यदि सुरक्षा लेने वाले व्यक्ति को जरा सा भी खतरा होता है, तो उसके लिए सुरक्षा लेना अनिवार्य हो जाता है। मोदी ने वड़ोदरा लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करते हुए पहली बार यह स्वीकार किया था कि जशोदा बेन उनकी पत्नी हैं।

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