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This Article is From Oct 19, 2014

भारत की सबसे अमीर महिला हारी, महाराष्ट्र में 88 साल के नेता ने 11वीं बार जीत दर्ज की

भारत की सबसे अमीर महिला हारी, महाराष्ट्र में 88 साल के नेता ने 11वीं बार जीत दर्ज की
सावित्री जिंदल की फाइल फोेटो
चंडीगढ़/मुंबई:

दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों से आज काफी दिलचस्प तथ्य उभरकर सामने आए, जिसमें देश की सबसे धनी महिला सावित्री जिंदल की हरियाणा में हार से लेकर महाराष्ट्र में 88 वर्षीय नेता के 11वीं बार जीत तक शामिल हैं।

व्यवसायी और कांग्रेस नेता नवीन जिंदल की मां सावित्री हिसार सीट पर भाजपा के डॉ. कमल गुप्ता से 13,646 मतों से हार गईं।

एशिया की सबसे धनी महिला बताई जाने वाली सावित्री निवर्तमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में मंत्री भी थी। वह ओपी जिंदल समूह की गैर कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं जो स्टील, विद्युत और खनन सेक्टर में व्यवसाय करता है। फोर्ब्स ने उन्हें भारत की सबसे धनी महिला बताया है।

वहीं महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के सांगोला सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले 88 साल के गणपतराव देशमुख 2009 में द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि के बाद दूसरे ऐसे विधायक बने थे, जिन्होंने दस चुनावों में जीत दर्ज की थी।

किसान एवं शेतकारी पार्टी के नेता ने आज शिवसेना के शाहजीबापू पाटिल को 25,224 वोट से पराजित किया। उन्होंने रिकॉर्ड 54 वर्षों तक सांगोला सीट का प्रतिनिधित्व किया है। राकांपा ने उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा था।

अपने सूखा प्रभावित विधानसभा क्षेत्र में काम करने वाले देशमुख पूर्व मंत्री भी रहे हैं और 15 अक्तूबर को हुआ चुनाव उनका 13वां विधानसभा चुनाव था।

पहली बार वह 1962 में विधायक बने और फिर 1972 और 1995 के चुनावों को छोड़कर वह 10 बार चुनाव जीते। 2012 में देशमुख ने विधानसभा में 50 वर्ष पूरे किए और उन्हें सदन एवं सरकार ने सम्मानित किया।

देशमुख पहली बार राज्य में थोड़े समय के लिए तब मंत्री बने जब शरद पवार कांग्रेस से अलग हुए और 1978 में प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा बनाया और फिर 1999 में मंत्री बने जब पीडब्ल्यूपी ने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन का समर्थन किया।

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण राणे भी पहली बार चुनाव हारे हैं। वह सिंधुदुर्ग जिले के कुडाल से चुनाव हार गए।

कोंकण से नेता राणे ने कहा, 'मैं हार को स्वीकार करता हूं। कोंकण के लोग मुझे राजनीति में लेकर आए और सेवा का मौका दिया। अब उन्होंने चुनावों में मुझे पहली बार हराया है।'

राणे छह बार विधायक रहे और वह 1990 से जीतते आ रहे हैं। शिवसेना के पूर्व नेता राणे को शिवसेना के वैभव नायक ने करीब नौ हजार मतों से हराया। हार कांग्रेस के लिए शर्मनाक है क्योंकि वह पार्टी की प्रचार समिति के प्रमुख थे।

हरियाणा के मंत्री और रेवाड़ी से छह बार विधायक रहे अजय सिंह यादव अपनी परंपरागत सीट से हार गए। वह तीसरे स्थान पर रहे।

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