बीजेपी को न सिर्फ उसके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने बल्कि उसके प्रमुख सहयोगी रहे शिवसेना नेताओं ने भी आज आए उपचुनाव के नतीजों से सबक लेने की सलाह दी है।
उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में मिले करारे झटके के अलावा राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भी पार्टी का प्रदर्शन खासा खराब रहा है। ये ऐसे राज्य हैं जहां बीजेपी ने चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए सारी ही सीटें जीती थी। बीजेपी के लिए ये निराशाजनक नतीजें ऐसे समय आई हैं, जब पार्टी महाराष्ट्र में अपनी गठबंधन सहयोगी शिवसेना के साथ अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर माथापच्ची में जुटी है।
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, 'ये नतीजे केंद्र में मोदी सरकार के प्रदर्शन को नहीं दर्शाते हैं।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उपचुनाव के ये नतीजे बीजेपी के लिए एक सबक होने चाहिए। मोदी लहर की हमारी आलोचना को इन नतीजों से बल मिलता है।
गौरतलब है कि बीते 25 साल से एक-दूसरे की सहयोगी रही बीजेपी और शिवसेना के बीच राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है और हालात यहां तक आ पहुंचे हैं वहां गठबंधन टूटने तक की चर्चा गर्म है।
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