नाटकीय घटनाक्रम में हैदराबाद तक सीमित रही एमआईएम ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीत कर अपना खाता खोला, जबकि राज ठाकरे की मराठी मानूस का नारा बुलंद करने वाली एमएनएस एक सीट पर सिमट गई।
लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी की मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन ने औरंगाबाद मध्य में शिवसेना को और मुंबई के बाइकला में भाजपा को परास्त किया।
औरंगाबाद मध्य सीट पर एनडीटीवी के पूर्व पत्रकार इम्तियाज़ जलील ने शिवसेना के पूर्व सांसद और पूर्व मेयर प्रदीप जायसवाल को 20,000 मतों से परास्त कर दिया, जबकि वारिस यूसुफ पठान ने बाइकला से भाजपा के मधुकर चव्हाण को 1,357 मतों से परास्त किया।
अखिल भारतीय सेना के उम्मीदवार एवं माफिया सरगना से नेता बने अरुण गावली की बेटी गीता गवली भी बायकला से खड़ी थी। शिवसेना ने वहां से उम्मीदवार नहीं खड़ा किया, बल्कि गीता को समर्थन दिया था। एमआईएम ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 24 उम्मीदवार खड़े किए थे।
इस चुनाव में जहां, 'बाहरी' एमआईएम ने अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं राज ठाकरे की एमएनएस को अब तक की करारी हार का सामना करना पड़ा।
एमएनएस ने 219 उम्मीदवार खड़े किए थे। उनमें से सिर्फ एसबी सोनावने जुन्नार से जीते। उन्होंने शिवसेना के एडी बुचके को तकरीबन 17000 मतों से परास्त कर दिया। एमएनएस ने 2009 के विधानसभा चुनाव में 13 सीटें जीती थी।
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