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This Article is From Mar 06, 2014

आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने नई पार्टी बनाई

आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने नई पार्टी बनाई
फाइल फोटो
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश का विभाजन करके तेलंगाना बनाने के फैसले के खिलाफ राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके एन किरण कुमार रेड्डी ने बुधवार को तेलुगू जनता के सम्मान और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के वायदे के साथ चुनावों से पहले नई पार्टी के गठन की घोषणा की।

गत 19 फरवरी को कांग्रेस छोड़ने वाले रेड्डी ने कई दिनों से चल रही अटकलों को समाप्त करते हुए कहा कि नई पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों की घोषणा 12 मार्च को तटीय आंध्र में राजमुंदरी में एक जनसभा में की जाएगी।

संप्रग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस से पहले ही निकाले जा चुके कुछ सांसदों के साथ रेड्डी ने कहा, 'हम मिलकर तेलुगू लोगों की प्रतिष्ठा और सम्मान को बरकरार रखने के लिए नई पार्टी की शुरूआत कर रहे हैं जो राज्य के विभाजन के तरीके से बुरी तरह आहत हुआ है।'

उन्होंने कहा, 'उन्होंने नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया। तेलुगू जनता का अपमान किया। इस वजह से हम नई पार्टी की शुरुआत कर रहे हैं।'

सीमांध्र क्षेत्र में चुनावी मुकाबले का संकेत देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने तेलगूदेशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधा जिन्हें कुछ चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में शेष आंध्र प्रदेश (सीमांध्र) में दमदार बताया जा रहा है। रेड्डी ने आरोप लगाया कि नौ साल तक मुख्यमंत्री रहे और 10 साल तक राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू राज्य को अविभाजित रखने के लिए अपने विचार नहीं व्यक्त कर सके और यह शर्मनाक है।

उन्होंने जगन मोहन रेड्डी नीत वाईएसआर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यह पार्टी दरअसल आंध्र प्रदेश का विभाजन चाह रही है लेकिन वे दिखावा कर रहे थे कि वे अविभाजित राज्य के पक्ष में हैं।

रेड्डी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से नया संगठन बनाने के बारे में अपने समर्थकों से विचार कर रहे थे। इनमें कांग्रेस के निष्कासित सांसद, कुछ मंत्री और विधायक तथा कर्मचारी संगठनों के नेता भी शामिल हैं।

उन्होंने नई पार्टी की संभावनाओं पर लोगों का मिजाज भांपने के लिए कथित तौर पर सर्वेक्षण भी कराये थे।

रेड्डी ने कहा, 'नई पार्टी तेलुगू जनता की नब्ज को पकड़ेगी।' पूर्व कांग्रेस नेता ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के संदर्भ में तेलुगू भाषी जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी कहते हैं कि उन्होंने ऐसा त्रुटिपूर्ण विधेयक नहीं देखा। सुषमा स्वराज ने कहा कि विधेयक लोकसभा में पेश नहीं किया गया। हमारी पार्टी के प्रधानमंत्री कहते हैं कि सांसदों के अभद्र व्यवहार से उन्हें दुख हुआ। लेकिन एक भी पार्टी ने तेलुगू जनता की बात नहीं की।

रेड्डी ने राज्य के कुछ मंत्रियों और कुछ विपक्षी दलों के भ्रष्टाचार के आरोपों को भी खारिज कर दिया। जर्मनी के एकीकरण का उदाहरण देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि आंध्र प्रदेश अब भी एक हो सकता है।

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