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NIRF रैंकिंग में सात सालों से कायम है IIT मद्रास की बादशाहत, आखिर क्या है इसकी वजह?

क्या आपने कभी सोचा है कि इस संस्थान में ऐसा क्या खास है, जो इसे हर साल, हर बार, सबसे ऊपर रखता है? तो चलिए, आज IIT मद्रास के इसी बेजोड़ सफर और उसकी अनोखी खूबियों को आसान भाषा में समझते हैं.

NIRF रैंकिंग में सात सालों से कायम है IIT मद्रास की बादशाहत, आखिर क्या है इसकी वजह?
IIT मद्रास का यह मुकाम सिर्फ किस्मत से नहीं मिला है, इसके पीछे दशकों की कड़ी मेहनत, शानदार प्लानिंग और एक क्लियर विजन है.

NIRF overall ranking 2025 : IIT मद्रास (Indian Institute of Technology Madras) ने एक बार फिर NIRF (National Institutional Ranking Framework) की ओवरऑल कैटेगरी में नंबर वन का खिताब अपने नाम कर लिया है. यह कोई इक्के-दुक्के साल की बात नहीं, बल्कि लगातार सात सालों से IIT मद्रास इस कुर्सी पर कायम है. ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इस संस्थान में ऐसा क्या खास है, जो इसे हर साल, हर बार, सबसे ऊपर रखता है? तो चलिए, आज IIT मद्रास के इसी बेजोड़ सफर और उसकी अनोखी खूबियों को आसान भाषा में समझते हैं.

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NIRF रैंकिंग क्या है?
 

इससे पहले यह समझते हैं कि आखिर एनआईआरएफ रैंकिंग होती क्या है. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाली एक लिस्ट है, जो देश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी के प्रदर्शन को मापती है. इसमें कई बातों का ध्यान रखा जाता है, जैसे पढ़ाई का तरीका, रिसर्च का काम, छात्रों को दी जाने वाली सुविधाएं, वहां से पढ़कर निकले छात्रों का करियर, और संस्थान की ओवरऑल इमेज.

यह रैंकिंग छात्रों और उनके पैरेंट्स के लिए बहुत काम की होती है, क्योंकि इससे उन्हें यह जानने में मदद मिलती है कि कौन सा संस्थान किस मामले में कितना अच्छा है.

जब IIT मद्रास ओवरऑल कैटेगरी में नंबर वन आता है, तो इसका मतलब है कि यह हर पैमाने पर खरा उतरा है और देश का सबसे बेहतरीन शिक्षा संस्थान है.


IIT मद्रास कैसे बना 'चैंपियन'?

IIT मद्रास का यह मुकाम सिर्फ किस्मत से नहीं मिला है, इसके पीछे दशकों की कड़ी मेहनत, शानदार प्लानिंग और एक क्लियर विजन है. इसकी शुरुआत 1959 में हुई थी और तब से इसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसका लक्ष्य सिर्फ किताबी ज्ञान देना नहीं, बल्कि ऐसे युवा दिमागों को तैयार करना है जो दुनिया की बड़ी-बड़ी समस्याओं को हल कर सकें, नई-नई चीजें बना सकें और देश को आगे ले जा सकें. इस सफर में IIT मद्रास ने खुद को लगातार बदला है और हमेशा कुछ नया करने की कोशिश की है. जिसके कारण इसने आज यह मुकाम हासिल कर पाया.

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पढ़ाने का तरीका है सबसे हटकर 

यहां सिर्फ ब्लैकबोर्ड और चौक से पढ़ाई नहीं होती. IIT मद्रास में छात्रों को इस तरह से पढ़ाया जाता है कि वे चीजों को रटने की बजाय, उन्हें समझें और अपनी सोच का इस्तेमाल करें. यहां के प्रोफेसर सिर्फ टीचर नहीं, बल्कि छात्रों के दोस्त और गाइड होते हैं. क्लास में खुली बहस होती है, ग्रुप में प्रोजेक्ट मिलते हैं और केस स्टडीज के जरिए प्रैक्टिकल ज्ञान दिया जाता है. इसका मकसद छात्रों को सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि उन्हें 'Problem solver' बनाना है.

रिसर्च और इनोवेशन का गढ़ 

IIT मद्रास सिर्फ डिग्री बांटने वाला कॉलेज नहीं, यह एक ऐसी प्रयोगशाला है जहां हर दिन कुछ नया खोजा जाता है. यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर नए मटेरियल बनाने तक, हर फील्ड में वर्ल्ड-क्लास रिसर्च होती है. यहां की रिसर्च सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि उसका सीधा फायदा समाज को मिलता है.

'सुपर टीचर्स' हैं यहां 

किसी भी बेहतरीन संस्थान की जान उसके शिक्षक होते हैं, और IIT मद्रास के पास तो एक से बढ़कर एक 'सुपर टीचर्स' हैं. यहां जो प्रोफेसर पढ़ाते हैं, वे अपनी-अपनी फील्ड के माहिर खिलाड़ी होते हैं. उन्होंने दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटीज से पढ़ाई की होती है और उनके पास सालों का अनुभव होता है. वे छात्रों को सिर्फ पढ़ाते नहीं, बल्कि उन्हें बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित भी करते हैं. उनकी काबिलियत और छात्रों के प्रति उनका समर्पण ही IIT मद्रास की सबसे बड़ी ताकत है.

शानदार कैंपस और सुविधाएं

IIT मद्रास का कैंपस किसी जन्नत से कम नहीं है! यह करीब 620 एकड़ में फैला हुआ है और इसके अंदर एक सुंदर जंगल भी है, जहां हिरण और कई तरह के पक्षी आजादी से घूमते हैं. पढ़ाई के लिए यहां मॉडर्न लैब्स, स्मार्ट क्लासरूम, एक विशाल लाइब्रेरी (जहां हजारों किताबें और रिसर्च पेपर हैं) और हाई-स्पीड इंटरनेट जैसी सुविधाएं हैं. इसके अलावा, छात्रों के लिए शानदार हॉस्टल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (जहां हर तरह के खेल खेलने की सुविधा है) और हेल्थ सेंटर भी हैं. यहां का शांत और हरा-भरा माहौल छात्रों को फोकस करने और नए आइडिया सोचने में मदद करता है.

करियर की गारंटी 

IIT मद्रास से पढ़कर निकलने वाले छात्रों के लिए नौकरियों की कमी नहीं होती. देश-विदेश की बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां से टैलेंटेड युवाओं को हायर करने आती हैं. यहां के प्लेसमेंट रिकॉर्ड्स हमेशा से बेहतरीन रहे हैं, जहां छात्रों को शानदार सैलरी पैकेज मिलते हैं. इसकी वजह यह है कि IIT मद्रास का उद्योगों के साथ बहुत गहरा रिश्ता है. यहां की पढ़ाई और रिसर्च सीधे इंडस्ट्री की जरूरतों से जुड़ी होती है, जिससे छात्र सीधे जॉब के लिए तैयार होते हैं. कई छात्र तो अपनी खुद की कंपनियां (स्टार्टअप्स) भी शुरू करते हैं और सफल बिजनेसमैन बनते हैं.

पूरा व्यक्तित्व निखारते हैं

IIT मद्रास में सिर्फ इंजीनियरिंग नहीं सिखाई जाती, यहां छात्रों को एक बेहतर इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनाया जाता है. पढ़ाई के अलावा, यहां सैकड़ों क्लब और सोसाइटीज हैं – संगीत, डांस, ड्रामा, वाद-विवाद, खेलकूद, सोशल वर्क – हर किसी के लिए कुछ न कुछ है. इससे छात्रों में लीडरशिप क्वालिटी, टीम वर्क, बोलने की कला और समस्याओं को हल करने की क्षमता बढ़ती है. ये स्किल्स उनके पूरे जीवन में काम आते हैं.

एलुमनाई का मजबूत नेटवर्क 

IIT मद्रास का Alumni Network बहुत ही दमदार है. यहां से पढ़े हुए लोग आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में, सरकारों में और रिसर्च संस्थानों में ऊंचे-ऊंचे पदों पर काम कर रहे हैं. ये एलुमनाई न सिर्फ कॉलेज को सपोर्ट करते हैं, बल्कि वर्तमान छात्रों को गाइडेंस देते हैं, करियर में मदद करते हैं और उन्हें जॉब दिलाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं. यह नेटवर्क IIT मद्रास की एक अनमोल विरासत है.

चुनौतियां और संभावनाएं

IIT मद्रास ने नंबर वन का ताज तो पहन लिया है, लेकिन यह संस्थान यहीं रुकने वाला नहीं है.  जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है, टेक्नोलॉजी नई करवट ले रही है, वैसे-वैसे IIT मद्रास भी अपनी पढ़ाई और रिसर्च को अपडेट कर रहा है. इसका लक्ष्य सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में शिक्षा और रिसर्च में अपनी धाक जमाना है.

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