
IAS Success Story: 'सूरज का चमकना है तो सुरज सा तपना होगा', ऐसा लगता है कि इस लाइन को सार्थक कर दिखाया है आईएएस सूरज ने. जिनकी कहानी सुनकर आपको भी यकिन नहीं होगा. हर कोई अपने जीवन में परेशानियों को लेकर शिकायत करता है, लेकिन सूरज के बारे में जानकर आपकी शिकायत थोड़ी कम हो सकती है. दरअसल, सूरज एक रेल हादसे में दोनों पैर और एक हाथ गवा चुके हैं, लेकिन उन्होंने सबसे मुश्किल परीक्षा पास कर ये साबित किया है चाहो तो सब है आसान, यूपी के मैनपूरी में रहने वाले सूरज तिवारी ने यूपीएससी परीक्षा में 971 रैंक हासिल की और आईएएस बनें.
पिता करते हैं दर्जी का काम
सूरज के पिता दर्जी का काम करते हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई शिक्षा नगर के महर्षि परशुराम स्कूल से पूरी की थी. साल 2011 में एसबीआरएल इंटर कॉलेज मैनपुरी से दसवीं और 2014 में संपूर्णानंद इंटर कॉलेज अरम सराय बेवर से पास किया गया था. आपको इस बात से भी हैरानी होगी कि उन्होंने पहली ही बार में यूपीएससी एग्जाम पास कर लिया. उन्होंने एग्जाम के लिए कोई कोचिंग भी नहीं ली थी. साल 2017 में वह बीएससी कर रहे थे. एक यात्रा के दौरान दादरी में ट्रेन से यात्रा के वक्त उनके साथ एक दुर्घटना में उन्होंने अपने दोनों पैरों के साथ-साथ अपने दाहिने हाथ और बाएं हाथ की दो अंगुलियों को खो दिया था.
शुरू से किया शुरुआत
इस हादसे के बाद उन्हें करीब तीन माह तक बेड रेस्ट पर रहना पड़ा था. लेकिन उन्होंने अपने आप को समझाया और खुद को मजबूत किया और तैयारी में जुट गए. उन्होंने अपनी केवल तीन उंगलियों से तैयारी की. 2018 में उन्होंने जेएनयू दिल्ली में नए सिरे से बीए में एडमिशन लिया. इसके बाद साल 2021 में बीए पास किया और एमए में एडमिशन लिया.
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