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शिक्षा का व्यवसायीकरण चिंताजनक, विचार-विमर्श ज़रूरी : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शिक्षा को महत्वपूर्ण साधन करार देते हुए कहा कि यह समानता ला सकती है, लोकतंत्र को मज़बूत बना सकती है और दुनिया में समृद्धि सुनिश्चित कर सकती है.

शिक्षा का व्यवसायीकरण चिंताजनक, विचार-विमर्श ज़रूरी : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे... (फ़ाइल फ़ोटो)
ग्वालियर:

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शिक्षा के व्यवसायीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने का आह्वान किया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा को सेवा की भावना से दिया जाना चाहिए. जगदीप धनखड़ ने शिक्षा को महत्वपूर्ण साधन करार देते हुए कहा कि यह समानता ला सकती है, लोकतंत्र को मज़बूत बना सकती है और दुनिया में समृद्धि सुनिश्चित कर सकती है.

उपराष्ट्रपति ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में सिंधिया राजवंश के जीवाजीराव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि महाराजा जीवाजीराव सिंधिया ने शिक्षा में रुचि दिखाने का मार्ग प्रशस्त किया था.

जगदीप धनखड़ ने उद्योगों, व्यवसायों और संस्थानों से शिक्षा में निवेश करने का आग्रह किया. उपराष्ट्रपति ने कहा, "मैं उद्योग, व्यापार जगत और कॉरपोरेट तथा उनके संघों से अपील करता हूं कि वे अपने CSR (कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) फंड के लिए नीतिगत निर्णय लें, ताकि संस्थान स्थापित किए जा सकें और उन्हें विकसित किया जा सके, क्योंकि शिक्षा में निवेश न केवल वर्तमान के लिए, बल्कि भविष्य के लिए भी है और यह हमारे विकास को आगे बढ़ाने में मदद करता है..." उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और देश में यह तेज़ी से हो रहा है.

जगदीप धनखड़ ने कहा, "लेकिन यह चिंता का विषय है... इस पर विचार और मंथन की ज़रूरत है... हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षा का व्यवसायीकरण न हो... शिक्षा सेवा है, हमें इसे सेवा की भावना से अपनाना चाहिए..." उपराष्ट्रपति ने कहा कि तकनीकी बदलाव तेज़ी से हो रहे हैं. उन्होंने कहा, "नए युग की तकनीक, जिसे कृत्रिम बुद्धिमता और मशीन लर्निंग के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, बेहद तेज़ी से बदल रही है... यह हमारे जीवन में बदलाव ला रही है..."

उपराष्ट्रपति ने कहा कि शैक्षणिक संगठनों का कर्तव्य है कि वे शोध करें और उन्हें इन तकनीकों की चुनौतियों को अवसरों में बदलना चाहिए. उन्होंने कहा, "मुझे कोई संदेह नहीं है कि यह विश्वविद्यालय ऐसा करेगा..."

उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के साथ अपने संबंधों को याद किया.

जगदीप धनखड़ ने कहा कि शिक्षा महत्वपूर्ण साधन और प्रणाली है, जिसके माध्यम से परिवर्तन लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह दुनिया में समानता, लोकतंत्र और समृद्धि सुनिश्चित कर सकती है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा बनाई गई नई शिक्षा नीति देश के भविष्य की रक्षा करेगी. उन्होंने कहा कि जो विश्वविद्यालय इस नीति पर ध्यान देगा, वह उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा.

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