
- भारत ने लॉर्ड्स पर पहला टेस्ट 1932 में खेला था, लेकिन पहली जीत हासिल करने में 54 साल का लंबा समय लगा था
- भारत ने लॉर्ड्स पर अब तक 19 टेस्ट खेले हैं, जिनमें तीन जीत, बारह हार और चार ड्रॉ शामिल हैं
- भारत की पहली लॉर्ड्स जीत 1986 में कप्तान कपिल देव की अगुआई में हुई, जिसमें चेतन शर्मा और रॉजर बिनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर हासिल जीत क्रिकेटर और फ़ैन्स ज़िन्दगी भर संजो कर रखते हैं. भारत ने लॉर्ड्स पर पहला टेस्ट 1932 में खेला. लेकिन, पहली जीत हासिल करने में हाफ़ सेंचुरी से ज़्यादा वक्त लग गया- पूरे 54 साल. भारत ने अबतक लॉर्ड्स पर खेले गए 19 टेस्ट में 3 में जीत 12 में हार और 4 में ड्रॉ का सामना किया है. और अब मैच के चौथे दिन संकेत मिलने लगे हैं कि गिल की कप्तानी में भारत लॉर्ड्स में जीत का चौका जड़ सकता है.

पहली जीत- 1986: कप्तान कपिल देव
भारत को लॉर्ड्स पर टेस्ट में पहली जीत तब हासिल हुई जब भारत वनडे वर्ल्ड कप का ख़िताब 1983 में इंग्लैंड में ही अपने नाम कर चुका था. भारत की लॉर्ड्स पर पहली जीत में कप्तान कपिल देव की अगुआई वाली टीम के पहले हीरो चेतन शर्मा और रॉजर बिनी की जोड़ी रही. ग्राहम गूच ने पहली पारी में मेज़बान टीम के लिए शतक जमाया. लेकिन चेतन शर्मा ने 64 रन देकर 5 विकेट और रॉजर बिनी ने 55 रन देकर 3 विकेट झटककर इंग्लैंड को 294 पर रोक दिया. पहली पारी में ‘कर्नल' यानी दिलीप वेंगसरकर ने 126 नाबाद रनों की पारी खेली और भारत को 341 रनों के सहारे पहली पारी में 47 रनों की बढ़त हासिल हो गई. दूसरी पारी में कप्तान कपिल देव ने 4, मनिंदर सिंह ने 3 विकेट झटके तो रॉजर बिनी, चेतन शर्मा और रवि शास्त्री ने एक-एक विकेट अपने नाम किया और कप्तान डेविड गॉवर की मेज़बान टीम 180 पर सिमट गई.
एक बार फिर ‘कर्नल' वेंगसरकर के सर्वाधिक 33 रनो बनाए. कप्तान कपिल ने 23*, रवि शास्त्री ने 20* और गावस्कर ने 22 रन जोड़े. भारत ने पांचवें दिन (तब बीच में एक रेस्ट डे भी होता था) 5 विकेट से एक ऐतिहासिक जीत अपने नाम कर ली. कप्तान कपिल देव मैन ऑफ़ द मैच चुने गए.

दूसरी जीत- 2014: कप्तान एमएस धोनी
लॉर्ड्स पर अगली एक और जीत हासिल करने में भारत को 28 साल लग गए. कप्तान धोनी की अगुआई में इस बार अजिंक्य रहाणे ने शतकीय पारी (103 रन) खेली. भारत ने पहली पारी में 295 रन बनाए. लेकिन मेज़बान इंग्लैंड ने गैरी बैलेंस के शतक के सहारे 319 का स्कोर खड़ा कर लिया. वैसे भुवनेश्वर कुमार ने पहली पारी में 82 रन देकर 6 विकेट झटके और इसे खुद के लिए यादगार बना लिया.
दूसरी पारी में ओपनर मुरली विजय ने 95, शिखर धवन 31, चेतेश्वर पुजारा 43, रविंद्र जडेजा 68 और भुवनेश्वर कुमार ने 52 रनों की पारी खेली. भारत के 342 रनों की वजह से इंग्लैंड को जीत के लिए 319 का लक्ष्य मिला. इस बार राजधानी एक्सप्रेस ईशांत शर्मा ने तूफ़ानी गेंदबाज़ी की और पारी में 74 रन देकर 7 विकेट झटके और जीत भारत की झोली में था. भारत ने 95 रन से दूसरी बार लॉर्ड्स पर मैच जीता और ईशांत शर्मा मैन ऑफ़ द मैच बन गए.

तीसरी जीत- 2021: कप्तान विराट कोहली
लॉर्ड्स पर भारत को आखिरी जीत, चार साल पहले उसके आखिरी 2021 के दौरे पर मिली. इस दौरे पर भी पहली पारी में केएल राहुल की 129 रनों की शानदार शतकीय पारी भारतीय जीत का शगुन बनी. भारत के 364 के जवाब में जो रूट की नाबाद 180 रनों के सहारे इंग्लैंड ने 391 रनों की पारी खेली. दूसरी पारी में भारत की ओर से कप्तान विराट कोहली ने 20, रोहित शर्मा ने 21, चेतेश्वर पुजारा ने 45 रन बनाए. लेकिन अजिंक्य रहाणे ने नाबाद 61 के अलावा मो. शमी के नाबाद 56 और जसप्रीत बुमराह के नाबाद 34 रनों की पारियां खेलीं. भारत ने 8 विकेट पर 298 के स्कोर पर पारी का एलान किया. इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 272 का टारगेट था.
एक बार फिर भारतीय गेंदबाज़ी यूनिट फ़ायर बन गई. सिराज 4/32, बुमराह 3/33, ईशांत 2/13 और मो. शमी ने 1/13 विकेट लेकर इंग्लैंड को सिर्फ 52 ओवरों में 120 पर समेटा. भारत ने 151 रनों से जीत हासिल की और केएल राहुल मैन ऑफ़ द मैच के ख़िताब से नवाज़े गए.

चौथी जीत- 2025: कप्तान शुभमन गिल?
लॉर्ड्स पर पिछली तीनों जीत की तरह चौथी बार भी पहली पारी में एक भारतीय बैटर केएल राहल ने शतक (100 रन) लगाया है. बुमराह ने पहली पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा किया है. क्या लॉर्ड्स की जीत पर नए कप्तान गिल का तेवर इतिहास में दर्ज होगा?
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