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This Article is From Nov 22, 2012

बीसीसीआई पुरस्कार : गावस्कर, तेंदुलकर, लक्ष्मण हुए सम्मानित

बीसीसीआई पुरस्कार : गावस्कर, तेंदुलकर, लक्ष्मण हुए सम्मानित
मुंबई: भारत के पूर्व कप्तान और महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर को बीसीसीआई के प्रतिष्ठित कर्नल सीके नायडू लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा गया। सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली को भी उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया गया। तेंदुलकर को टेस्ट और वन-डे क्रिकेट में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने के लिए सम्मानित किया गया।

कोहली को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2011-12 सत्र में सर्वश्रेष्ठ भारतीय क्रिकेटर के लिए 'पाली उमरीगर पुरस्कार' से नवाजा गया। इसके साथ ही कोहली का नाम तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे विशिष्ट खिलाड़ियों के क्लब में शामिल हो गया, जिन्होंने इससे पहले साल के सर्वश्रेष्ठ भारतीय क्रिकेटर का पुरस्कार जीता है। कोहली को एक चमचमाती ट्रॉफी और पांच लाख रुपये का चेक सौंपा गया।

अगस्त में न्यूजीलैंड के खिलाफ शृंखला से पहले संन्यास लेने वाले वीवीएस लक्ष्मण को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले डेढ़ दशक में उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। इससे पहले कोहली को आईसीसी के साल के सर्वश्रेष्ठ वन-डे क्रिकेटर का पुरस्कार भी मिला था। कोहली ने कहा, मैं इतने सारे ऐसे क्रिकेटरों के सामने यह पुरस्कार लेकर खुश हूं, जिन्हें मैंने खेलते हुए देखा और उन्हें देखकर प्रेरित हुआ। उम्मीद करता हूं कि मौजूदा सत्र में भी मैं इस प्रदर्शन को जारी रखूंगा।

इससे पहले तेंदुलकर ने पुरस्कार लेते हुए गावस्कर को धन्यवाद दिया और कहा कि खेल से जुड़ने में वही उनकी प्रेरणा थे। तेंदुलकर ने गावस्कर की मौजूदगी में कहा, हम आपको खेलते हुए देखकर बड़े हुए। मुझे क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित करने में धन्यवाद। मैं सिर्फ आपके पदचिह्नों पर चलना चाहता था।

उन्होंने कहा, जब मैं लगभग 12 साल का था, तो उस वक्त मैं काफी निराश हुआ था, क्योंकि मुझे सर्वश्रेष्ठ जूनियर क्रिकेटर का पुरस्कार नहीं मिला। मुझे गावस्कर का पत्र मिला, जिसमें लिखा था कि अगर तुम इस सूची में गौर करो, तो इसमें एक व्यक्ति का नाम नहीं है और इस व्यक्ति (गावस्कर) ने टेस्ट क्रिकेट में बुरा प्रदर्शन नहीं किया। तेंदुलकर ने हमेशा अपना साथ देने के लिए बीसीसीआई को भी धन्यवाद दिया, फिर चाहे वह अच्छा प्रदर्शन कर रहे हों या नहीं या फिर चोटिल हों।

लक्ष्मण हालांकि इस दौरान थोड़े भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि उन्हें संन्यास लिए हुए तीन महीने हो गए हैं और इस दौरान उन्हें अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर पर गौर करने का मौका मिला। लक्ष्मण ने कहा, जब मैं युवा था, तो भारत के लिए खेलना चाहता था। मैंने अपना सपना पूरा किया। मेरे सपने को पूरा करने में कई लोगों ने मेरी मदद की, मेरे अंकल, हैदराबाद क्रिकेट संघ ने शुरुआती वर्षों में मेरा काफी समर्थन किया, मेरी पत्नी शैलजा और भारतीय टीम के मेरे साथी।

गावस्कर ने अपने पुरस्कार को भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा पुरस्कार करार दिया और कहा कि वह इसे हासिल करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं इस पुरस्कार को भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को समर्पित करना हूं। उनके समर्थन, उत्साहवर्धन और कभी-कभी आलोचना के बिना यह संभव नहीं था। गावस्कर ने अपनी आत्मकथा 'सनी डेज' में लिखी उस घटना को भी याद किया कि वह अपने मामा माधव मंत्री का भारतीय टीम का स्वेटर पहनना चाहते थे, लेकिन उन्होंने उनसे कहा कि आपको भारतीय टीम का स्वेटर पहनने का अधिकार हासिल करना होगा।

सात पूर्व और दिवंगत टेस्ट क्रिकेटरों को भी मरणोपरांत सम्मानित किया गया। इन्हें सीके नायडू लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार के तहत 15 लाख रुपये और ट्रॉफी दी गई। बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने कहा कि उन लोगों को ऐसा लगा कि अगर ये क्रिकेटर जीवित होते, तो उन्हें उनके जीवनकाल के दौरान ही मैदान पर उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कार मिलना चाहिए था। ये सात दिवंगत क्रिकेटर- विजय मर्चेन्ट, वीनू मांकड़, दत्तू फडकर, गुलाम अहमद, विजय मांजरेकर, एमएल जयसिम्हा और दिलीप सरदेसाई हैं।

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