कप्तान स्टीव स्मिथ ने पुणे में शानदार शतक लगाकर ऑस्ट्रेलिया को मैच विजयी बढ़त दिलाई
नई दिल्ली:
टीम इंडिया हमेशा से अपने घरेलू मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करती रही है. इसके पीछे भारत की पिचों का स्पिन फ्रेंडली होना है, जिसका फायदा न केवल स्पिनर बल्कि हमारे बल्लेबाज भी उठाते रहे हैं, लेकिन पुणे टेस्ट में स्पिन गेंदों को खेलने में माहिर माने जाने वाले भारत के बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया की फिरकी के सामने संघर्ष करते हए नजर आए. सिर्फ बल्लेबाज ही नहीं गेंदबाज भी सही ढंग से गेंदबाजी नहीं कर पाए, जिससे भारत को हार का सामना करना पड़ा. पिच स्पिन फ्रेंडली होने की वजह से भारत तीन स्पिनरों के साथ मैदान पर उतरा था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पास दो स्पिनर थे, जो भारत की स्पिन तिकड़ी पर भारी पड़ गए. इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने विराट की कप्तानी में टीम इंडिया के 19 टेस्ट मैचों से अजेय रहने के रथ को रोक लिया. वैसे अजेय रहने या विजय रथ को रोकने के मामले में टीम इंडिया आगे रही है...
भारत ने जो पर्थ में किया था, ऑस्ट्रेलिया ने वही पुणे में किया : टीम इंडिया पिछले 19 मैचों में अजेय रहने के बाद आखिरकार ऑस्ट्रेलिया से 333 रन से मैच हारी. ऑस्ट्रेलिया ने विराट के अजेय रहने के रथ को रोकने में कामयाबी हासिल की. पिछले 19 टेस्ट में कोहली की कप्तानी में भारत ने कोई मैच नहीं गवाया था, लेकिन पुणे का मैच जीतने के साथ ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया से पर्थ का बदला ले लिया. 2006 से 2008 के बीच ऑस्ट्रेलिया लगातार 22 मैचों में अजेय रहकर जब एक रिकॉर्ड के ओर बढ़ रहा था तब टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के इस अजेय रहने के रथ को रोकने में कामयाबी हासिल की थी. 16 जनवरी 2008 को पर्थ में खेले गए टेस्ट मैच को 72 रन से जीतकर भारत ने ऑस्ट्रेलिया के अभियान पर विराम लगाया था.
लेकिन विजय रथ रोकने के मामले में भारत है आगे : यह पहली बार हुआ जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत के अजेय रहने के रथ को रोका है, लेकिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया के लगातार अजेय रहने का रथ कई बार रोका है. सिर्फ 2008 में ही नहीं 2001 में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया के विजय रथ को रोक दिया था. उस समय 1999 से लेकर 2001 के बीच ऑस्ट्रेलिया लगातार 16 मैच जीतकर आगे बढ़ रहा था. सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ही नहीं 1971 में इंग्लैंड के अजेय रहने के रथ को भी भारत ने रोका था. 1968 से लेकर 1971 के बीच जब इंग्लैंड 26 मैचों में अजेय रहते हुए आगे बढ़ रहा था तब 19 अगस्त 1971 को ओवल के मैदान पर भारत ने इंग्लैंड को चार विकेट से हराकर उसके इस रथ को रोका था.
जब ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाज़ भारत के स्पिन गेंदबाज़ों से आगे निकल गए : इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के दोनों स्पिनर स्टीव ओकीफी और नैथन लियोन ने कुल मिलाकर 56 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 134 रन देकर 17 विकेट लेने में कामयाब रहे, जबकि भारत के तीन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव कुल मिलाकर 142.5 ओवर की गेंदबाज़ी में 418 रन देकर 15 विकेट ही ले पाए. इस तरह ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाज़ों ने भारत का एक विकेट लेने के लिए करीब 20 गेंदों का सहारा लिया तो भारत के स्पिनरों ने ऑस्ट्रेलिया का एक विकेट लेने के लिए 57 गेंदों का सहारा लिया. इससे यह साबित होता है कि पुणे के स्पिन फ्रिन्ड्ली विकेट पर ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों ने टीम इंडिया से अच्छी गेंदबाजी की.
भारत ने जो पर्थ में किया था, ऑस्ट्रेलिया ने वही पुणे में किया : टीम इंडिया पिछले 19 मैचों में अजेय रहने के बाद आखिरकार ऑस्ट्रेलिया से 333 रन से मैच हारी. ऑस्ट्रेलिया ने विराट के अजेय रहने के रथ को रोकने में कामयाबी हासिल की. पिछले 19 टेस्ट में कोहली की कप्तानी में भारत ने कोई मैच नहीं गवाया था, लेकिन पुणे का मैच जीतने के साथ ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया से पर्थ का बदला ले लिया. 2006 से 2008 के बीच ऑस्ट्रेलिया लगातार 22 मैचों में अजेय रहकर जब एक रिकॉर्ड के ओर बढ़ रहा था तब टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के इस अजेय रहने के रथ को रोकने में कामयाबी हासिल की थी. 16 जनवरी 2008 को पर्थ में खेले गए टेस्ट मैच को 72 रन से जीतकर भारत ने ऑस्ट्रेलिया के अभियान पर विराम लगाया था.
लेकिन विजय रथ रोकने के मामले में भारत है आगे : यह पहली बार हुआ जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत के अजेय रहने के रथ को रोका है, लेकिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया के लगातार अजेय रहने का रथ कई बार रोका है. सिर्फ 2008 में ही नहीं 2001 में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया के विजय रथ को रोक दिया था. उस समय 1999 से लेकर 2001 के बीच ऑस्ट्रेलिया लगातार 16 मैच जीतकर आगे बढ़ रहा था. सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ही नहीं 1971 में इंग्लैंड के अजेय रहने के रथ को भी भारत ने रोका था. 1968 से लेकर 1971 के बीच जब इंग्लैंड 26 मैचों में अजेय रहते हुए आगे बढ़ रहा था तब 19 अगस्त 1971 को ओवल के मैदान पर भारत ने इंग्लैंड को चार विकेट से हराकर उसके इस रथ को रोका था.
जब ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाज़ भारत के स्पिन गेंदबाज़ों से आगे निकल गए : इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के दोनों स्पिनर स्टीव ओकीफी और नैथन लियोन ने कुल मिलाकर 56 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 134 रन देकर 17 विकेट लेने में कामयाब रहे, जबकि भारत के तीन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव कुल मिलाकर 142.5 ओवर की गेंदबाज़ी में 418 रन देकर 15 विकेट ही ले पाए. इस तरह ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाज़ों ने भारत का एक विकेट लेने के लिए करीब 20 गेंदों का सहारा लिया तो भारत के स्पिनरों ने ऑस्ट्रेलिया का एक विकेट लेने के लिए 57 गेंदों का सहारा लिया. इससे यह साबित होता है कि पुणे के स्पिन फ्रिन्ड्ली विकेट पर ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों ने टीम इंडिया से अच्छी गेंदबाजी की.
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