यह ख़बर 16 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

ललित मोदी ने आरसीए चुनावों के लिए नामांकन भरा, बोर्ड ने निलंबन की धमकी दी

जयपुर:

भारतीय क्रिकेट बोर्ड से आजीवन प्रतिबंधित होने के बावजूद पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी ने 19 दिसंबर को होने वाले राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनावों के लिए सोमवार को अपना नामांकन भर दिया जिसके बाद बीसीसीआई ने आरसीए को ही निलंबित करने की धमकी दे डाली। आरसीए अध्यक्ष पद के लिए मोदी के नामांकन पत्र उनके वकील महमूद अब्दी ने जमा किए।

अब्दी ने गुरुवार को होने वाले चुनावों के लिए स्वयं उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा है। अब्दी के साथ कोटा जिला क्रिकेट संघ के सचिव और मोदी के करीबी अमीन पठान भी थे। उनके नामांकन पत्रों की कल जांच की जाएगी जबकि 18 दिसंबर को सुबह 11 से दोपहर दो बजे तक नाम वापस लिया जा सकता है।
बीसीसीआई ने हालांकि आरसीए के मौजूदा अध्यक्ष सीपी जोशी को पत्र लिखा है, जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने पत्र में लिखा है, 'हमने पाया कि नागौर क्रिकेट संघ ने ललित मोदी को अध्यक्ष के रूप में अनुमति दी है। हम आपको बताना चाहते हैं कि बीसीसीआई के नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार आरसीए सहित सभी सदस्यों को बीसीसीआई के हित में जारी फैसलों विशेषकर अनुशासनात्मक प्रक्रिया से संबंधित फैसलों और दिशानिर्देशों को मानना होगा।'

उन्होंने कहा, 'यदि आपकी कोई जिला इकाई बीसीसीआई के बर्खास्त किसी प्रशासक को पदाधिकारी बनाए रखती है तो आरसीए बीसीसीआई सदस्यता गंवा सकता है। इसलिए कृपया बीसीसीआई दिशानिर्देशों का पालन करें और हमें इस बारे में रिपोर्ट दें।'

मोदी को आईपीएल आयुक्त के तौर पर वित्तीय गड़बड़ियों का दोषी पाया गया था, जिससे बीसीसीआई ने पर उन पर भारत में क्रिकेट संबंधी मसलों में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन अक्तूबर में राजस्थान उच्च न्यायालय ने उनके निलंबन पर रोक लगा दी थी। मोदी के वकील ने दावा किया कि आरसीए राजस्थान खेल अधिनियम के तहत आता है और इसलिए बीसीसीआई का प्रतिबंध बोर्ड के इस पूर्व उपाध्यक्ष पर लागू नहीं होता।

अब्दी ने नामांकन भरने के बाद कहा, 'सुरक्षा कारणों से हम कुछ समय के लिए उन्हें यहां नहीं देख पाएंगे, लेकिन वह चुनाव लड़ सकते हैं।'

अब्दी से पूछा गया कि यदि मोदी चुनाव जीत जाते हैं तो क्या उनकी अनुपस्थिति में आरसीए का कामकाज चलाया जा सकेगा, उन्होंने कहा, 'उनके हर समय यहां उपस्थिति करने की जरूरत नहीं है। उनके मातहत एक टीम है जो उनके नेतृत्व में काम कर सकती है। यहां तक कि सी पी जोशी भी हर समय कार्यालय में उपस्थित नहीं करते थे। असल में हम उन दिनों की गणना कर रहे हैं कि वह कितने दिन कार्यालय आये थे।'

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गौरतलब है कि भाजपा की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 2005 के चुनावों में मोदी का रास्ता साफ करने के लिये खेल अधिनियम लेकर आयी थी। अब जब राजे फिर से राजस्थान की मुख्यमंत्री बन गयी हैं तो लगता है कि मोदी के लिए भी पांव जमाने का रास्ता खुल गया है।