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This Article is From Aug 13, 2020

UPSC: नहीं थी आंखों की रोशनी, 25 साल की छात्रा ने पाई 286वीं रैंक, मोहम्मद कैफ ने बताई सफलता की कहानी

तमिलनाडु की 25 वर्षीय नेत्रहीन छात्रा पुरना सुंथरी (Purana Sunthari) ने वो कर दिखाया है, जो अक्सर कई लोग नहीं कर पाते हैं. उन्होंने देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में शुमार यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में 286वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल करके एक शानदार मिसाल कायम की है.

UPSC: नहीं थी आंखों की रोशनी, 25 साल की छात्रा ने पाई 286वीं रैंक, मोहम्मद कैफ ने बताई सफलता की कहानी
Purana Sunthari ने यूपीएससी परीक्षा में 286वीं रैंक हासिल की है.
नई दिल्ली:

तमिलनाडु की 25 वर्षीय नेत्रहीन छात्रा पुरना सुंथरी (Purana Sunthari) ने वो कर दिखाया है, जो अक्सर कई लोग नहीं कर पाते हैं. उन्होंने देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में शुमार यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में 286वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल करके एक शानदार मिसाल कायम की है. पुरना सुंथरी अपनी इस सफलता से बेहद खुश हैं. पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ (Former Cricketer Mohammad Kaif) ने सोशल मीडिया पर पुरना सुंथरी की प्रेरणादायक कहानी साझा की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "तमिलनाडु की 25 वर्षीय नेत्रहीन पुरना सुंथरी ने सभी बाधाओं को हराते हुए यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की है."

मोहम्मद कैफ, पुरना सुंथरी (Purana Sunthari) की कामयाबी से बेहद खुश हैं और उन्होंने उनके उत्साह और मेहनत की जमकर तारीफ की है. मोहम्मद कैफ ने आगे कहा- "ऑडियो के रूप में स्टडी मटैरियल को खोजना मुश्किल था. उनके माता-पिता और दोस्तों ने उन्हें किताबें पढ़ने और किताबों को ऑडियो में परिवर्तित करने में काफी मदद की, ताकि वह एक IAS ऑफिसर बन सके. अपने सपनों का पीछा करना कभी न छोड़ें."

बता दें कि मदुरै की निवासी पुरना सुंथरी अपने चौथे प्रयास में 286वीं  रैंक हासिल करने में सफल रही हैं. समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता ने मुझे बहुत सपोर्ट किया है. मैं अपनी सफलता उन्हें डेडिकेट करना चाहूंगी." उन्होंने यह भी कहा कि यूपीएसी एग्जाम में सफल होने में 5 साल की मेहनत लगी है. उन्होंने कहा- यह मेरा चौथा प्रयास था. मैंने इस परीक्षा को 5 साल दिए हैं."

Indian Express से बात करते हुए उन्होंने कहा, "जब में 11वीं क्लास में थी तभी से मैं IAS ऑफिसर बनने का सपना देख रही थी. मैं शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सेवा करना चाहती हूं."

बता दें कि सिविल सर्विस एग्जाम देश के सबसे मुश्किल एग्जाम में शुमार किया जाता है. हर साल 10 लाख से अधिक उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन भर्तियां 1000 से कम उम्मीदवारों की ही होती हैं. 
 

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