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This Article is From Jan 30, 2022

अब सरकारी स्कूलों में भी होगी ‘प्ले स्कूल’ जैसी पढ़ाई, खेल-खेल में दिया जाएगा बच्चों को ज्ञान

Vidya Admission Program: विद्या प्रवेश कार्यक्रम के तहत पहली कक्षा में प्रवेश से पहले बच्चों को तीन महीने का एक खास कोर्स कराया जाएगा. इसमें उन्हें खेलते हुए पहली कक्षा से पहले जरूरी अक्षर और संख्या ज्ञान दिया जाएगा

अब सरकारी स्कूलों में भी होगी ‘प्ले स्कूल’ जैसी पढ़ाई, खेल-खेल में दिया जाएगा बच्चों को ज्ञान
पहली कक्षा में प्रवेश से पहले 3 महीने कराया जाएगा बच्चों को कोर्स
नई दिल्ली:

बच्चों की शुरूआती शिक्षा के लिए ‘प्ले स्कूल' की संकल्पना अभी शहरों तक ही सीमित रही है. लेकिन सरकार शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ‘‘विद्या प्रवेश कार्यक्रम' (Vidya Admission Program) के जरिए इसे गांवों के स्कूलों में भी शुरू करेगी. शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘‘पीटीआई भाषा'' को बताया, ‘‘ विद्या प्रवेश कार्यक्रम के तहत पहली कक्षा में प्रवेश से पहले बच्चों को तीन महीने का एक खास कोर्स कराया जाएगा. इसमें उन्हें खेलते हुए पहली कक्षा से पहले जरूरी अक्षर और संख्या ज्ञान दिया जाएगा.'' उन्होंने बताया कि विद्या प्रवेश कार्यक्रम का प्रारूप सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजा गया था ताकि इसे समय से अपनाया जा सके. अधिकारी ने बताया कि इसे अगले शैक्षणिक सत्र (2022-23) से देश के सभी स्कूलों में शुरू करने की तैयारी की गई है.

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष शिक्षा से जुड़े सुधार कार्यक्रम के तहत इसकी संकल्पलना रखी थी. शिक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, नयी शिक्षा नीति के सुझावों पर राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा बच्चों के लिए तीन माह का स्कूल तैयारी प्रारूप 'विद्या प्रवेश' तैयार किया गया है. इस पाठ्यक्रम में बच्चों के लिए अक्षर, रंग, आकार और संख्या सीखने के लिए रोचक गतिविधियां हैं.

इसका मकसद है- शिक्षा की शुरुआत से ही नींव को मजबूत करना ताकि समाज में सभी समान रूप से आगे बढ़ सकें. राज्य इसे अपनी जरूरत के हिसाब से लागू करेंगे. अधिकारी ने बताया कि यह कार्यक्रम बाल वाटिका के सीखने के परिणामों पर आधारित होगा. इसका मकसद स्वास्थ्य कल्याण, भाषा साक्षरता, गणितीय सोच और पर्यावरण जागरूकता से संबंधित मूलभूत दक्षताओं को विकसित करने के लिये बच्चों तक समान गुणवत्ता पहुंच सुनिश्चित करना है. ‘विद्या प्रवेश कार्यक्रम' के प्रारूप के अनुसार, इसमें तीन महीनों का खेल आधारित कार्यक्रम रखा गया है जो प्रतिदिन चार घंटे का होगा. ये विकासात्मक गतिविधियों एवं स्थानीय खेल सामग्रियों के उपयोग के साथ अनुभव आधारित शिक्षा को बढ़ावा देता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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