
Play school vs home care: माता-पिता होना आसान नहीं है. एक तरफ़ आप अपने बच्चे को सबसे अच्छा देना चाहते हैं, दूसरी तरफ़ करियर और ज़िंदगी की ज़िम्मेदारियां हैं. यही वजह है कि आजकल हर जगह प्ले स्कूल और डे-केयर का चलन बढ़ गया है, लेकिन हाल की घटनाएं...जहां छोटे बच्चों के साथ लापरवाही और हिंसा हुई...पैरेंट्स को सोचने पर मजबूर करती हैं: क्या प्ले स्कूल (Play Schools for Kids) वास्तव में ज़रूरी हैं या फिर हम सब बस समाज के दबाव में बह रहे हैं?
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प्ले स्कूल की बढ़ती मांग (play school zaroori hai kya)
विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चे के दिमाग़ का 90% विकास 5 साल की उम्र से पहले ही हो जाता है. यही वजह है कि कई पेरेंट्स मानते हैं कि, प्ले स्कूल बच्चे के सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए अहम हैं. यहां बच्चे खेल-खेल में सीखते हैं, दोस्त बनाते हैं और स्कूल जाने की तैयारी करते हैं.

फायदे क्या हैं? (play school benefits India)
संपूर्ण विकास: मोटर स्किल्स, भाषा और भावनात्मक संतुलन का विकास.
सुरक्षित माहौल: बच्चे घर से बाहर रहना और स्वतंत्र होना सीखते हैं.
सोशल स्किल्स: दोस्तों के साथ रहना, शेयर करना और छोटी-छोटी समस्याएं सुलझाना.
स्कूल रेडीनेस: औपचारिक स्कूल में जाने से पहले आत्मविश्वास और जिज्ञासा बढ़ती है.
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नुकसान और चुनौतियां (bachchon ka play school)
हर प्ले स्कूल समान गुणवत्ता नहीं देता. कई जगह प्रशिक्षित टीचर्स और सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी होती है. साथ ही, भीड़-भाड़ वाले क्लासरूम और महंगे फीस स्ट्रक्चर पैरेंट्स को परेशान कर सकते हैं. सुरक्षा से जुड़ी घटनाएँ भी भरोसा तोड़ती हैं.

माता-पिता की दुविधा (preschool vs ghar ki parvarish)
कुछ पैरेंट्स मानते हैं कि प्ले स्कूल बच्चों की आज़ादी और सीखने की शुरुआत के लिए ज़रूरी है. वहीं, कई लोग कहते हैं कि शुरुआती साल घर पर प्यार और देखभाल में बिताना ही बच्चे के लिए सबसे अच्छा होता है. असल में, हर परिवार का अनुभव अलग है...किसी के लिए यह सहारा है, तो किसी के लिए सिर्फ़ ट्रेंड.
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सही प्ले स्कूल कैसे चुनें? (benefits of play school)
- सुरक्षा और CCTV एक्सेस.
- प्रशिक्षित और दयालु शिक्षक.
- खेल-आधारित पाठ्यक्रम.
- साफ-सुथरा वातावरण.
- छोटे बैच और पर्याप्त जगह.
- पारदर्शिता और पैरेंट्स की भागीदारी.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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