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UGC NET Exam 2024: 18 जून को हुई नेट परीक्षा और 19 को रद्द, जानिए क्यों? क्या है यूजीसी नेट और कौन लेता है यह परीक्षा

NET 2024: यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन मंगलवार, 18 जून को किया गया था, लेकिन एक दिन बाद ही सरकार ने नीट परीक्षा को रद्द करने का आदेश जारी किया. आखिर ऐसा क्या हुआ कि सरकार ने 300 से ज्यादा केंद्रों पर आयोजित नेट परीक्षा को रद्द कर दिया, किसने किया था इसका आयोजन?

UGC NET Exam 2024: 18 जून को हुई नेट परीक्षा और 19 को रद्द, जानिए क्यों? क्या है यूजीसी नेट और कौन लेता है यह परीक्षा
नई दिल्ली:

UGC NET 2024 Exam Updates:  नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 18 जून को यूजीसी नेट परीक्षा 2024 का आयोजन किया था. एनटीए ने इस बार ऑफलाइन मोड में नेट परीक्षा (UGC NET 2024) का आयोजन किया था. परीक्षा देशभर के 300 से ज्यादा परीक्षा केंद्रों पर ली गई थी, लेकिन एक दिन बाद ही सरकार ने नेट परीक्षा को रद्द करने का आदेश जारी किया. यही नहीं सरकार ने इसकी जांच भी सीबीआई को सौंप दी है. 

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क्यों रद्द हुई परीक्षा (Why NET exam cancelled)

शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूजीसी को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की नेशनल साइबर क्राइम खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा के संबंध में कुछ सूचनाएं मिली हैं. इन सूचनाओं से पता चलता है कि से यूजीसी नेट प्योरिटी से समझौता किया गया. इसलिए यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा को रद्द किया गया है. सरकार ने यह भी कहा कि जल्द ही नेट परीक्षा की नई तारीख का ऐलान किया जाएगा. 

एनटीए पर उठ रहे सवाल (NTA in controversy)

2018 से पहले यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन द्वारा किया जाता था, तब यह परीक्षा ऑफलाइन मोड यानी पेन और पेपर मोड में आयोजित की जाती है. साल 2028 के बाद इस परीक्षा का आयोजन एनटीए द्वारा किया जाने लगा. तब से यह परीक्षा सीबीटी मोड यानी कंप्यूटर बेस्ड मोड में होती है. हालांकि इस बार एनटीए ने नेट परीक्षा 18 जून को पेन और पेपर मोड में आयोजित की थी और परीक्षा रद्द हो गई. इसलिए एनटीए पर सवाल उठ रहे हैं कि इस बार एजेंसी ने पेपर सीबीटी मोड की जगह पेन और पेपर मोड में क्यों ली.

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क्यों ली जाती है नेट परीक्षा (Why is NET Exam Taken)

आपको बता दें कि यूजीसी नेट यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता परीक्षा है. जिसका आयोजन एनटीए द्वारा किया जाता है. यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है. एक बार जून महीने में और दूसरी बार दिसंबर महीने में. पहले इस परीक्षा का आयोजन यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन द्वारा ही किया जाता था. यह परीक्षा भारत भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर या जूनियर रिसर्च फेलोशिप और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है. इस परीक्षा में दो पेपर होते हैं और दोनों पेपर के आधार पर जेआरएफ और/या असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्रता का निर्णय होता है. दोनों के कटऑफ अलग-अलग होते हैं, वहीं जेआरएफ मिलने वाले उम्मीदवारों को जेआरएफ के दौरान स्टाइपेंड भी मिलता और ये आगे चल कर रिसर्च या पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं. वहीं केवल असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार किसी भी राज्य के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं. 

2017 में हुई थी एनटीए की स्थापना (NTA was established in 2017)

एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, सेंट्रल एजेंसी है, जिसकी स्थापन भारतीय सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत नवंबर 2017 में किया गया था. यह एक स्वायत्त निकाय है, जिसका मुख्य कार्य नीट (NEET), जेईई मेन (JEE Main), गेट (GATE), यूजीसी नेट (UGC NET), जीमैट (GMAT) और कैट (CAT) जैसे दूसरी कई प्रवेश परीक्षा का आयोजन करना और रिजल्ट की घोषणा करना है. एनटीए के चेयरमैन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक प्रख्यात शिक्षाविद् होते हैं.वर्तमान में यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी एनटीए के अध्यक्ष हैं. 

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