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This Article is From Jul 09, 2017

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कोर्स में शामिल किया जाएगा जीएसटी

शैक्षणिक परिषद की एक सदस्य सुनयना कनौजिया ने कहा, छात्र तीन स्ट्रीम में कराधान का अध्ययन करते थे. ये हैं बी कॉम ऑनर्स, बी कॉम और बी ए प्रोग्राम जिनमें वाणिज्य आधारित पेपर होते हैं. नये प्रस्ताव के अनुसार जीएसटी अन्य अप्रत्यक्ष करों से संबंधित सामग्री की जगह लेगी.

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कोर्स में शामिल किया जाएगा जीएसटी
दिल्ली यूनिवर्सिटी
दिल्ली विश्वविद्यालय बी कॉम ऑनर्स, बी कॉम और बी ए प्रोग्राम के छात्रों के लिये अपने पाठ्यक्रम में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को शामिल करने की योजना बना रहा है. अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में एक प्रस्ताव को विश्वविदद्यालय की शैक्षणिक परिषद ने मंजूरी दे दी है और कार्यकारी परिषद से इसकी मंजूरी मिलने का इंतजार है.

शैक्षणिक परिषद की एक सदस्य सुनयना कनौजिया ने कहा, छात्र तीन स्ट्रीम में कराधान का अध्ययन करते थे. ये हैं बी कॉम ऑनर्स, बी कॉम और बी ए प्रोग्राम जिनमें वाणिज्य आधारित पेपर होते हैं. नये प्रस्ताव के अनुसार जीएसटी अन्य अप्रत्यक्ष करों से संबंधित सामग्री की जगह लेगी. प्रस्ताव के अनुसार बी कॉम ऑनर्स के छात्र छठे सेमेस्टर में जीएसटी और सीमाशुल्क कानून का दूसरे पत्र के रूप में अध्ययन करेंगे.

बी कॉम के छात्र पांचवें सेमेस्टर में उसी नाम से दूसरे पत्र के रूप में इसका अध्ययन करेंगे.

बी ए प्रोग्राम के छात्र दो पत्रों (पत्र तीन और पत्र चार) में जीएसटी का अध्ययन करेंगे. यह बी ए प्रोग्राम के सिर्फ उन छात्रों के लिये अनिवार्य होगा जिनका कराधान एक वैकल्पिक विषय होगा.

डेल्ही स्कूल आफ इकॉनोमिक्स में एसोसिएट प्रोफेसर कनौजिया ने कहा, सभी पत्र 100 अंकों के होंगे और बी कॉम, बी कॉम ऑनर्स और बी ए प्रोग्राम के छात्रों के लिये अनिवार्य होगा, जिन्होंने कराधान को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना होगा.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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