सार्वजनिक बैंकों को और अधिक स्वायत्तता का प्रस्ताव करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इन बैंकों को बासेल-तीन नियमों के पालन के लिए 2018 तक 2.40 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। जेटली ने संसद में बजट पेश करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, बासेल-तीन नियमों के अनुपालन के लिए हमारे (सार्वजनिक) बैंकों को 2018 तक 2.40 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी की जरूरत होगी। इस पूंजी जरूरत को पूरा करने के लिए हमें अतिरिक्त संसाधन जुटाने होंगे। उन्होंने कहा कि इस राशि का एक बड़ा हिस्सा खुदरा ग्राहकों को सार्वजनिक पेशकश के जरिये जुटाया जाएगा।
जेटली ने कहा, सार्वजनिक स्वामित्व को बचाए रखते हुए, इन बैंकों की पूंजी बढ़ाई जाएगी। इसके लिए शेयरों की बिक्री के जरिये चरणबद्ध तरीके से पूंजी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार बैंकों में बहुलांश अंशधारिता बनाए रखेगी, हालांकि देश के नागरिकों को भी बैंकों में सीधे अंशधारिता मिलेगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार बैंकों के निदेशक मंडल को और अधिक स्वायत्तता देने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा, हम बैंकों को जिम्मेदार बनाते हुए उन्हें अधिक स्वायत्तता देने के प्रस्ताव पर विचार करेंगे। इस समय देश में 27 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं।
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