दलहनों की 200 रुपये किलो की ऊंचाई को छूने के बाद इसकी कीमतों को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही सरकार ने अगले पांच सालों में मोजाम्बिक से अरहर और अन्य दालों का आयात दोगुना कर दो लाख टन प्रतिवर्ष करने को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मोजाम्बिक से दलहनों के दीर्घावधिक आयात के संबंध में समझौते को मंजूरी दी। इस समझौते पर पीएम मोदी की गुरुवार को इस अफ्रीकी राष्ट्र के यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किया जाएगा।
हालांकि भारत दुनिया में दलहनों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, लेकिन उसे अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए हर वर्ष 60 से 70 लाख टन दालों की कमी पड़ती है। सूखे के कारण घरेलू उत्पादन में गिरावट की वजह से दालों की खुदरा कीमतों में भारी तेजी आई है जो 200 रुपये की ऊंचाई के लगभग जा पहुंची है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है, 'मंत्रिमंडल ने दोनों देशों द्वारा मनोनीत की गई राज्य की एजेंसियों के जरिये सरकार के स्तर पर अथवा निजी व्यापारियों के जरिये मोजाम्बिक से दलहनों के आयात के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए एक दीर्घावधिक अनुबंध करने को मंजूरी दी है।'
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