केंद्र सरकार ने विदेशों में जमा अघोषित संपत्ति की घोषणा के लिए दी गई मोहलत की अवधि के दौरान पूर्ण गोपनीयता का भरोसा दिलाते हुए इस बारे में आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया। सरकार ने कहा है कि जो लोग इस अनुपालन खिड़की का लाभ नहीं उठाएंगे सिर्फ उन्हें चिंता करने की जरूरत है।
राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने लोगों को 30 सितंबर तक विदेशों में जमा काले धन की घोषणा करने को कहा है। उन्होंने साफ किया कि मोहलत की इस अवधि को इससे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। हालांकि, साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) कालाधन कानून के बारे में किसी भी प्रकार के संदेह को दूर करेगा।
भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए दास ने कहा, 'कोई व्यक्ति यह खुलासा ऑनलाइन भी कर सकता है। यह सूचना सिर्फ उसी अधिकारी तक रहेगी, जिसको इसे जानने की जरूरत है। इस सूचना को आगे नहीं भेजा जाएगा। गोपनीयता कायम रहेगी।'
हालांकि, इससे पहले, पिछले हफ्ते दास ने कहा था कि एकबारगी अनुपालन खिड़की के तहत घोषित सूचना को जनहित में सार्वजनिक किया जा सकता है। दास ने कहा था, 'इस कानून में गोपनीयता पर कोई भरोसा नहीं दिया गया है, लेकिन इसी के साथ आयकर कानून की धारा 138 है, जो मूल रूप से गोपनीयता प्रावधान है। हालांकि, विभाग जनहित में इसकी घोषणा कर सकता है।'
सरकार के रुख को साफ करते हुए दास ने कहा कि घोषित की गई सूचनाओं पर आयकर कानून की धारा 138 के प्रावधान लागू होंगे और गोपनीयता कायम रखी जाएगी। राजस्व सचिव ने कहा, 'बेकार में डर पैदा करने की जरूरत नहीं है। ऐसे लोग जिनका विदेशों में कालाधन जमा है और वे इसकी घोषणा नहीं करते हैं, तो उन्हें चिंता करने की जरूरत है, क्योंकि हमें सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान व एफएटीसीए के तहत इसकी जानकारी मिलने लगेगी। ऐसे लोग जो मोहलत की अवधि के दौरान खुलासा करते हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है।'
उन्होंने इस आशंका को भी दूर करने का प्रयास किया कि किसी के द्वारा अघोषित धन की घोषणा के बाद आयकर विभाग अधिक गहनता से जांच करेगा। दास ने कहा कि विभाग घुमाफिराकर जांच नहीं करेगा।
दास ने कहा, 'हम इसका सत्यापन करेंगे कि क्या हमें वही सूचना दोहरा कराधान बचाव संधि के तहत पहले मिल चुकी है और हम उसे इसकी सूचना देंगे। हम उसे परेशान नहीं करेंगे। वह व्यक्ति आयकर कानून के तहत अपनी अघोषित आय की घोषणा कर सकता है।
उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग काला धन (अघोषित विदेशी आय और परिसंपत्तियां) और कर कानून के कार्यान्वयन, 2015 पर निरंतर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) पर जल्द दूसरा सेट जारी करेगा।