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वह एक मूर्ख कैरेक्टर है... जब इस फिल्म के रोल के लिए असरानी को हिटलर से प्रेरणा लेने को कहा गया था

असरानी ने बताया था कि जब उन्हें शोले का रोल ऑफर किया गया तो डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने उन्हें हिटलर की पर्सनैलिटी से प्रेरणा लेने के लिए कहा था.

वह एक मूर्ख कैरेक्टर है... जब इस फिल्म के रोल के लिए असरानी को हिटलर से प्रेरणा लेने को कहा गया था
शोले के जेलर यानी असरानी का 84 की उम्र में निधन
नई दिल्ली:

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर और कॉमेडियन असरानी का निधन हो गया है. उन्हें शोले जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह 5 दिनों से अस्पताल में थे. इसके बाद 84 की उम्र में आज यानी 20 अक्टूबर को उन्होंने आखिरी सांस ली. एक्टर असरानी का पूरा नाम गोवर्धन असरानी है. वहीं ढोल, धमाल और खट्टा मीठा जैसी फिल्मों के लिए उन्हें जाना जाता है. लेकिन जब बात शोले की आती है तो उनका अग्रेजों के जमाने के जेलर के रोल में याद किया जाता है. रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित शोले को हाल ही में 50 साल हुए, जिसके चलते एक्टर असरानी ने अपने जेलर के रोल के बारे में कुछ अनकही बातें शेयर कीं थीं.

बीबीसी न्यूज हिंदी को दिए इंटरव्यू में एक्टर असरानी ने बताया कि कैसे उन्हें ये रोल मिला और कैसे उन्होंने इसके लिए तैयारी की. उन्होंने कहा, "रमेश सिप्पी ने मुझे फ़ोन किया. मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वो किस रोल के बारे में बात करना चाहते हैं. दरअसल, मुझे तो ये भी नहीं पता था कि शोले नाम की कोई फिल्म बन रही है. तो मैं उनके ऑफिस गया और वहां सलीम-जावेद बैठे थे, रमेश सिप्पी भी थे, और उनके हाथों में एक स्क्रिप्ट थी जिस पर डायलॉग लिखे थे. उन्होंने मुझसे कहा, 'ये कैरेक्टर एक जेलर का है. वो एक बेवकूफ है, वो खुद को बहुत होशियार समझता है, लेकिन असल में वो ऐसा है नहीं. इसलिए वो दिखावा करने और एक बहुत ताकतवर जेलर जैसा बिहेव करने की कोशिश करता है. तुम ये कैसे करोगे?'"

आगे उन्होंने कहा, उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध पर आधारित एक किताब खोली, जिसमें हिटलर के नौ पोज थे. मैंने कहा, 'हे भगवान, क्या यह हिटलर का रोल है?' उन्होंने कहा, 'नहीं, यह हिटलर नहीं है, लेकिन यह आदमी हिटलर जैसा बिहेव करता है, उसकी तरह बोलता है. पहनावे की बात छोड़ो, बस इतना याद रखो, हिटलर ने अपने समय में अपने भाषणों और हाव-भावों से युवाओं की एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया था. लोग उसके लिए जान देने को तैयार रहते थे. इस किरदार का ऐसा ही प्रभाव होना चाहिए.'"

आगे अपने कैरेक्टर की तैयारी पर बात करते हुए असरानी ने कहा था,"फिर उन्होंने मुझे डायलॉग सुनाए और पूछा कि मैं आवाज कैसे लाऊंगा. आपको बता दूं कि हिटलर की आवाज की रिकॉर्डिंग दुनिया भर के एक्टिंग स्कूलों में बजाई जाती है. फैक्ट उसकी आवाज में उतार-चढ़ाव था. रमेश सिप्पी ने मुझसे कहा, 'हमें इन संवादों में भी वही उतार-चढ़ाव लाना होगा.'" आउटफिट, विग और स्पेशल मूंछें पहनने के बाद, उन्हें (असरानी) को किरदार में स्टूडियो में घूमने के लिए कहा गया. "फिर उन्होंने पूछा, 'आप डायलॉग कैसे बोलेंगे?' तो मैंने वहीं पूरा मोनोलॉग किया."

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