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380 फिल्मों में काम कर चुके इस सुपरस्टार के पास एक समय में थी 65 फिल्में, साल में 19 फिल्में करने का रिकॉर्ड

मिथुन चक्रवर्ती ने खुलासा किया कि एक समय में उनकी 65 फ़िल्में फ्लोर पर थीं. जबकि अबतक वह 380 फिल्मों में काम कर चुके हैं. 

380 फिल्मों में काम कर चुके इस सुपरस्टार के पास एक समय में थी 65 फिल्में, साल में 19 फिल्में करने का रिकॉर्ड
इस सुपरस्टार को पहचाना क्या
नई दिल्ली:

दिग्गज सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती ने हाल ही में खुलासा किया कि एक समय में उनकी 65 फ़िल्में फ्लोर पर थीं. आईएएनएस के साथ एक खास बातचीत में, मिथुन से पूछा गया कि 80 और 90 के दशक में वह सालाना कितनी फ़िल्में करते थे. सभी को चौंकाते हुए उन्होंने जवाब देते हुए कहा, "आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक समय में हमारी 65 फ़िल्में फ्लोर पर होती थीं. मेरे नाम एक साल में 19 फ़िल्में रिलीज करने का लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है, तो आप उस काम के बोझ का अंदाज़ा लगा सकते हैं. मैं 380 फ़िल्में कर चुका हूं." उनसे यह भी पूछा गया, "ऐसे दौर में जब ज़्यादातर अभिनेता सालाना कम फ़िल्में करते हैं, आपको इतनी सारी फ़िल्में करते रहने की प्रेरणा क्या देती है?

इस पर उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि लोग सिर्फ़ एक फ़िल्म कैसे करते हैं, कहते हैं कि पढ़ते हैं. लेकिन उसके बाद क्या होता है - आप स्क्रिप्ट कितनी बार पढ़ सकते हैं. आपको पूरी फ़िल्म एक ही लाइन में समझ आ जाती है. हमने एक लाइन पढ़ने के बाद ही तय कर लिया था कि हमें फ़िल्म करनी है या नहीं."

मिथुन ने आगे कहा, "अब मैं सिर्फ़ वही फ़िल्में करता हूं, जो मुझे मेहनताना देती हैं. जैसे मैं प्रभास के साथ "फ़ौजी" कर रहा हूं. यह एक देशभक्ति से भरपूर पारिवारिक ड्रामा है, और रजनी (रजनीकांत) के साथ "जेलर 2" एक अलग तरह की फिल्म है, "प्रजापति 2" एक अलग तरह की फ़िल्म है, इसलिए मेरे लिए यह सब आसान है."

मिथुन ने अपनी हालिया फ़िल्म "द बंगाल फ़ाइल्स" को लेकर हुए विरोध और विवाद के बारे में भी खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि जैसे ही आप सच्चाई दिखाते हैं, वह राजनीति से प्रेरित हो जाती है. उन्होंने कहा, "जैसे ही आप हक़ीक़त दिखाते हैं, वह अपने आप राजनीति से प्रेरित हो जाती है. यह आश्चर्यजनक है कि कोई भी हक़ीक़त का सामना नहीं करना चाहता. क्या आप जानते हैं कि नोआखली में क्या हुआ था? - यह मेरे जन्म से पहले हुआ था." बस इतना ही पता है कि 'बहुत से लोग मारे गए' - बस. कलकत्ता नरसंहार के मामले में भी यही हुआ था. कोई नहीं जानना चाहता कि यह कैसे और क्यों हुआ, लेकिन विवेक अग्निहोत्री कह रहे हैं, "कृपया सच जानें."

मिथुन चक्रवर्ती ने आगे कहा, "नोवाखाली में एक नरसंहार हुआ था जिसमें लगभग 40,000 हिंदू मारे गए थे, कलकत्ता नरसंहार में भी यही हुआ था, और लोग इसका विरोध करेंगे. यही सच है, और जैसे ही कोई सच की बात करता है, वह राजनीति से प्रेरित हो जाता है. हम इसमें क्या कर सकते हैं?"  

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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