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Dhurandhar के असली हीरो शहीद मेजर मोहित शर्मा कि पत्नी रिशमा सरीन कौन हैं ? पति के विरासत को बढ़ा रही हैं आगे, सास-ससुर के साथ कानूनी विवाद...

मेजर मोहित शर्मा ने एक शानदार ज़िंदगी जी, और 31 साल की उम्र में वह शहीद हो गए. उनके परिवार को दुख और निराशा का सामना करना पड़ा, खासकर सेना का नेक्स्ट ऑफ किन सम्मान शहीद सैनिक की पत्नी को दिए जाने के कारण.

Dhurandhar के असली हीरो शहीद मेजर मोहित शर्मा कि पत्नी रिशमा सरीन कौन हैं ? पति के विरासत को बढ़ा रही हैं आगे, सास-ससुर के साथ कानूनी विवाद...
रिशमा सरीन कौन हैं ?
नई दिल्ली:

Who Is Major Mohit Sharma Wife Rishma Sarin : शहीद मेजर मोहित शर्मा तब सुर्खियों में आए जब उनके माता-पिता ने कोर्ट का रुख किया, क्योंकि उनका मानना है कि रणवीर सिंह स्टारर फिल्म धुरंधर उनके बेटे की कहानी है. लेकिन हाई कोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया और साफ किया कि यह उनके बेटे पर नहीं बनी है. जिन्हें नहीं पता, मोहित शर्मा दिसंबर 1999 में ऑफिसर रैंक में शामिल हुए थे.

मेजर मोहित शर्मा ने एक शानदार ज़िंदगी जी, और 31 साल की उम्र में वह शहीद हो गए. उनके परिवार को दुख और निराशा का सामना करना पड़ा, खासकर सेना का नेक्स्ट ऑफ किन सम्मान शहीद सैनिक की पत्नी को दिए जाने के कारण. मोहित के माता-पिता ने खुले तौर पर इस नियम की आलोचना कीय आइए मेजर मोहित शर्मा की पत्नी रिशमा सरीन की बारे में जानते हैं कि वह कौन हैं और क्या करती हैं.

मेजर मोहित शर्मा की पत्नी रिशमा सरीन कौन हैं?

मेजर मोहित शर्मा की पत्नी, रिशमा सरीन का बैकग्राउंड आर्मी का है और वह रिटायर्ड कर्नल मोहन लाल सरीन की बेटी हैं. मेजर मोहित शर्मा और रिशमा सरीन की शादी की सही तारीख सार्वजनिक रूप से नहीं बताई गई है. उनके दो बच्चे भी हैं. मेजर मोहित की पत्नी, लेफ्टिनेंट कर्नल (तब मेजर) रिशिमा शर्मा, भी भारतीय सेना में एक ऑफिसर हैं.

रिशमा का जन्म और पालन-पोषण पंजाब के गुरदासपुर जिले में हुआ था. वह 2001 में आर्मी सर्विस कोर में सेना में शामिल हुईं, जो उनके पिता का भी कोर है. उनके भाई भारतीय सेना में कर्नल हैं, जो आर्टिलरी रेजिमेंट में सेवारत हैं. यह बताना जरूरी है कि रिशमा सरीन पहली महिला ऑफिसर थीं जो 2023 में अग्निवीर रिक्रूटर बनीं.

मेजर मोहित शर्मा के माता-पिता का रिशमा सरीन के साथ विवाद

2010 की द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मेजर मोहित शर्मा के माता-पिता ने दावा किया कि कानून केवल विधवा को पूरे अधिकार देता है और माता-पिता के प्रयासों को मान्यता नहीं देता है. उन्होंने कानून में बदलाव की मांग की और दावा किया कि माता-पिता को भी वैध नेक्स्ट ऑफ किन का दर्जा दिया जाना चाहिए.

माता-पिता ने यह भी दावा किया कि उन्हें बुनियादी अधिकारों से वंचित किया गया, जैसे कि उनके बेटे का अशोक चक्र लेने के लिए आमंत्रित न किया जाना. उन्हें समारोह के बारे में भी सूचित नहीं किया गया था. मेजर मोहित शर्मा की मां ने रिकॉर्ड पर आकर कहा कि उन्हें गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले पास दिए गए थे.

परिवार ने यह भी दावा किया कि उन्हें अपने शहीद बेटे के कपड़े और जूते नहीं दिए गए, जो उसने ड्यूटी के दौरान पहने थे. उन्हें उसकी पासिंग-आउट परेड में तस्वीरें लेने का अधिकार नहीं दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह उनकी बहू की वजह से हुआ, जो आर्मी बैकग्राउंड से है.

हालांकि, उसी रिपोर्ट में विधवा, मेजर रिशमा सरीन के पिता, रिटायर्ड कर्नल मोहन लाल सरीन का पक्ष भी बताया गया. मेजर रिशमा के पिता ने यह भी दावा किया कि अपने पति की शहादत के बाद, उनकी बेटी को एक महीने की छुट्टी लेनी पड़ी, और उसे अपने ससुराल वालों से निपटने के तनाव से उबरने के लिए साइकियाट्रिक मदद लेनी पड़ी. बताया गया कि दोनों परिवारों के बीच सुप्रीम कोर्ट में कई कानूनी मामले दर्ज किए गए थे.

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