सिर्फ पचास लाख रुपये में बनी एक फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ऐसे झंड़े गाढ़ चुकी है कि सिनेमा घरों से उतरने का नाम नहीं ले रही. बॉक्स ऑफिस पर बड़ी-बड़ी मेगा बजट मूवीज धराशाई हो जाती हैं. उस दौर में सादगी से भरपूर ये फिल्म दर्शकों की पहली पसंद बनी हुई है. इस फिल्म का नाम है लालो- कृष्ण सदा सहायते. इस गुजराती फिल्म ने अपनी आध्यात्मिक स्टोरी, इमोशनल अदायगी और सिम्प्लिसिटी के साथ दर्शकों का दिल जीत लिया है. यही वजह है कि फिल्म की कमाई की रफ्तार थम ही नहीं रही है.
ऐसी है फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी शुरू होती है लालो से जो एक थका हुआ, टूटा हुआ, परेशान रिक्शा चालक है. गरीबी ने उसे घेर रखा है. हर दिन उसे इंसान से ज्यादा मशीन जैसा महसूस कराता है. लेकिन एक दिन ऐसा आता है जब लगता है कि किस्मत उसे एक आखिरी मौका देना चाहती हो. इस दिन वो एक सुनसान फार्महाउस में जा फंसता है. जहां उसे साक्षात भगवान श्री कृष्ण के दर्शन होते हैं. कृष्ण उसे उसके डर दिखाते हैं, उसकी गलतियां स्वीकार करवाते हैं और सबसे अहम काम, उसे खुद को माफ करना सिखाते हैं. धीरे धीरे लालो अपने भीतर की टूटी हुई दीवारों को फिर जोड़ता है. ये सफर कभी डरावना लगता है और कभी खूबसूरत भी लगता है.
50 लाख का बजट, करोड़ों में कमाई
यकीन करना मुश्किल है. लेकिन सच ये है कि मात्र 0.5 करोड़ यानी कि पचास लाख रु. में बनी फिल्म ने 107 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है. आंकड़ा फिल्म ट्रेड पर नजर रखने वाली वेबसाइट सैकनिल्क से लिया गया है. ये वो संख्या है जो बड़े बड़े प्रोडक्शन हाउस को भी चौंका रही है. इस फिल्म ने साबित कर दिया कि कहानी दिल को छू जाए. तो बजट मायने नहीं रखता. जिन फिल्मों के पास प्रमोशन्ल इवेंट्स, बड़े स्टार और भारी भरकम बजट होते हैं. वो भी इतनी देर तक थिएटर्स में नहीं टिक पातीं. लेकिन लालो की ताकत उसकी सादगी और ईमानदारी सिनेमाघरों पर राज कर रही है. लोग इसे देखकर बाहर आते हैं और दूसरों को इसे देखने की सलाह देते हैं. बस यही माउथ पब्लिसिटी इसे फिल्मी पर्दे से उतरने नहीं दे रही है.
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