
हाल ही में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) पर आयोजित एक कार्यक्रम में जेनेलिया देशमुख (Genelia Dsouza) ने सफलता, असफलता, मातृत्व और उद्यमिता के बीच तालमेल बिठाने के बारे में अपने विचार साझा किए. सफलता और असफलता के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, "मैं सफलता या असफलता को ज्यादा महत्व नहीं देती. यह हमारे जीवन का हिस्सा है. मुझे लगता है कि हम अपनी सफलता को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं और असफलता पर बहुत जोर देते हैं. जबकि आपके दैनिक जीवन का प्रभाव और इरादा महत्वपूर्ण है". इसके अलावा, जेनेलिया ने मातृत्व और स्टारडम के बीच के अंतरसंबंध के बारे में भी खुलकर बात की.
बच्चों को दी प्राथमिकता
जेनेलिया ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने दशक भर के ब्रेक के दौरान अपने बच्चों को प्राथमिकता दी. जेनेलिया ने कहा, "उन दस सालों के दौरान, मैं खुद पर, अपने बच्चों पर ध्यान केंद्रित कर रही थी, और मुझे याद है कि रितेश ने मुझसे कहा था कि हमें अपने बच्चों को सक्षम बनाना होगा. मैं एक मांसाहारी हूं और मुझे आसानी से प्रोटीन लेने की आदत है, इसलिए मुझे इससे जूझना पड़ा".
पैनल में शामिल थे ये लोग
आपको बता दें कि इस पैनल में मसाबा गुप्ता, मेघना घई पुरी, अनन्या बिड़ला, अश्विनी अय्यर तिवारी और अन्य जैसे उल्लेखनीय नाम शामिल थे, जिन्होंने महत्वाकांक्षा और कल्याण के बीच नाजुक संतुलन का पता लगाया. जेनेलिया की यात्रा लचीलापन, आत्म-देखभाल और सामाजिक अपेक्षाओं के बावजूद अपने जुनून के प्रति सच्चे रहने का प्रमाण है.
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