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Dhurandhar के 'डोंगा' ने जब सोच लिया था कि अब एक्टिंग नहीं करेंगे! नवीन कौशिक ने बताया कैसे एक फिल्म ने बदल दी जिंदगी

साल 2025 की सबसे बड़ी फिल्म 'धुरंधर' बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रही है. रिलीज के 22 दिन बाद भी इस फिल्म का क्रेज कम होने का नाम नहीं ले रहा है. कमाई के मामले में 'धुरंधर' ने विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' को भी पीछे छोड़ दिया है और इस साल की नंबर-1 फिल्म बन गई है. इस फिल्म में वैसे तो कई बड़े सितारे हैं, लेकिन एक किरदार जिसकी खूब चर्चा हो रही है, वो है 'डोंगा'.

Dhurandhar के 'डोंगा' ने जब सोच लिया था कि अब एक्टिंग नहीं करेंगे! नवीन कौशिक ने बताया कैसे एक फिल्म ने बदल दी जिंदगी
मैं खुद पर भरोसा करना भूल गया था. मैं सब कुछ छोड़कर जाने को तैयार था.

Dhurandhar Box Office : साल 2025 की मेगा ब्लॉकबस्टर फिल्म 'धुरंधर' की रफ्तार रिलीज के 22 दिन के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही है. 'धुरंधर' फिल्म 'छावा' को पीछे छोड़ते हुए इस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है. मल्टीस्टारर होने के बाद भी फिल्म के हर किरदार का अपना वजूद रहा है. फिल्म में 'डोंगा' का किरदार भी आइकॉनिक रहा, जो रहमान डकैत का राइट हैंड था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि डोंगा का किरदार निभाने वाले नवीन कौशिक फिल्म इंडस्ट्री ही छोड़कर जा रहे थे, लेकिन इस फिल्म ने उनके अंदर दोबारा काम करने का हौसला बढ़ाया.

काम न मिलने से टूट गया था हौसला

'धुरंधर' में डोंगा का रोल नवीन कौशिक ने निभाया है, जो आदित्य धर की फिल्म मिलने से पहले काम न मिलने, कई रिजेक्शन, टूटते आत्मविश्वास और काम मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे. नवीन कौशिक ने फिल्म से जुड़ी कुछ फोटोज शेयर की हैं और फिल्म साइन करने से लेकर फिल्म के आखिरी दिन को भावनाओं में पिरोकर लिखा है. उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'एक अभिनेता बनना भरोसे पर निर्भर करता है. सबसे पहले, अपने परिवार, दोस्त, फिल्मी जगत और आखिर में दर्शकों को भरोसा दिलाना जरूरी है, लेकिन इसमें खुद पर भरोसा कम हो जाता है. बहुत सारे रिजेक्शन, कास्टिंग कॉल का जवाब न मिलना, नेटवर्किंग करना और अच्छा काम न मिलने से आत्मविश्वास कम होता जाता है.

मुकेश सर और आदित्य धर ने बदला फैसला

उन्होंने आगे लिखा कि मैं खुद पर भरोसा करना भूल गया था. मैं सब कुछ छोड़कर जाने को तैयार था. मुकेश सर के कहने पर मैंने उनसे मुलाकात की. उद्योग को हमेशा के लिए छोड़ने से पहले यह मेरी आखिरी उम्मीद थी. मुझे आज भी वो दिन याद है जब कहानी सुनाने के बाद हम सभी से कहा गया था कि, "आप सभी पर हमें बहुत भरोसा है और इस विशाल परियोजना को साकार करने में सभी की मदद करने की जरूरत है." मुझे अचानक लगा कि ये मेरी ही फिल्म है.

नवीन कौशिक ने ये भी खुलासा किया कि फिल्म को बनने में तकरीबन डेढ़ साल का लंबा समय लगा और फिल्म बहुत सारी कठिनाओं से होकर गुजरी. उन्होंने फिल्म के निर्देशक आदित्य धर को नाव का कैप्टन बताया, जिसने सबको स्थिर और मजबूत बनाने में मदद की. उन्होंने आदित्य को लेकर लिखा, "आपने मुझ पर भरोसा करके मुझे अपने एक किरदार को जीवंत करने का मौका दिया और इसे मेरी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बनाने में मदद की."

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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