
टाइगर श्रॉफ की फिल्मों को अक्सर फैमिली ऑडियंस भी आराम से देख लेती है, लेकिन बागी 4 इस बार कुछ अलग है. टाइगर श्रॉफ के फैन्स को जानकर आश्चर्य होगा कि उनकी इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने यूनिवर्सल सर्टिफिकेट नहीं दिया है. पहली बार टाइगर की किसी फिल्म को ‘A' सर्टिफिकेट मिला है क्योंकि इसमें वॉयलेंस और खून-खराबा ज्यादा है. मजेदार बात ये है कि ‘एडल्ट' रेटिंग देने के बावजूद सेंसर बोर्ड (CBFC) ने फिल्म से कई सीन और डायलॉग हटाने का आदेश दिया. जिसकी वजह से कुल मिलाकर 23 कट्स लगाए गए. बाद में मेकर्स ने भी फिल्म की लंबाई खुद से कम की. आइए जानते हैं आखिर बागी 4 को सेंसर बोर्ड ने किन वजहों से रोका.
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23 कट्स के बाद मिला A सर्टिफिकेट
बागी 4 को 26 अगस्त को सर्टिफिकेट मिला. ये फिल्म 5 सितंबर को रिलीज होने जा रही है. लेकिन उससे पहले सेंसर बोर्ड ने 23 विजुअल और ऑडियो पर कट्स लगाए. ताबूत पर खड़े होने, ज्यादा न्यूडिटी दिखाने या कटे हुए हाथ से सिगरेट जलाने जैसे कई सीन्स को सेंसर बोर्ड ने हटवा दिया है. एक मूर्ति पर चाकू फेंकने और हिंसा वाले शॉट्स, जैसे गले काटने, तलवार से मारने और खोपड़ी में तलवार घुसाने, को भी हटाया गया है. डायलॉग्स में भी बदलाव किए गए. फिल्म में कई वल्गर और डबल मीनिंग शब्द थे. जिन्हें अब बदल दिया गया है और म्यूट कर दिया गया. इसके बाद फिल्म को A सर्टिफिकेट मिला और इसकी लंबाई 2 घंटे 43 मिनट रही.
मेकर्स ने खुद की एडिटिंग
दिलचस्प बात ये रही कि सर्टिफिकेट मिलने के सिर्फ तीन दिन बाद यानी 29 अगस्त को मेकर्स खुद CBFC के पास लौटे. उन्होंने फिल्म के 19 सीन छोटे किए और करीब 6 मिनट 45 सेकंड की फुटेज हटाई. इस तरह बागी 4 की फाइनल लंबाई 2 घंटे 37 मिनट रह गई. ये हाल ही में रिलीज होने वाली तीसरी बड़ी फिल्म है जिसके मेकर्स ने सेंसर से सर्टिफिकेट मिलने के बाद भी खुद एडिटिंग की. इससे पहले वार 2 और द बंगाल फाइल्स के साथ भी यही हुआ था.
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