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This Article is From Feb 20, 2019

अपराधी को क्यों दें सबूत?

Akhilesh Sharma
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    फ़रवरी 20, 2019 23:46 pm IST
    • Published On फ़रवरी 20, 2019 23:46 pm IST
    • Last Updated On फ़रवरी 20, 2019 23:46 pm IST

पुलवामा के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने में भारत को कामयाबी मिलती नजर आ रही है. न्यूजीलैंड की संसद ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा में एक प्रस्ताव पारित किया है. संसद में निंदा प्रस्ताव पारित करने वाला न्यूजीलैंड पहला देश बन गया है.

भारत में फ्रांस के राजदूत अलेकजेंडर ज़िगलर ने कहा है कि फ्रांस अगले कुछ दिनों में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी सूची में रखने के लिए प्रस्ताव पेश करेगा. इस प्रस्ताव को अमेरिका और ब्रिटन का समर्थन मिलने की भी संभावना है. हालांकि फ्रांस ने 2017 में भी संयुक्त राष्ट्र में यह प्रस्ताव रखा था लेकिन इसे चीन ने रुकवा दिया था. पुलवामा हमले के बाद सबसे आखिर में आए चीन के बयान में शहीदों के परिवार वालों से संवेदना व्यक्त की गई लेकिन पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं किया गया.

भारत यात्रा पर आए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतंकवाद पर चिंता व्यक्त की है. सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने एनडीटीवी से कहा है कि सऊदी पाकिस्तान के साझा बयान में मसूद अजहर के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र का जिक्र नहीं किया गया है.

इस बीच पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने बुधवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इसमें पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद के हालात पर चर्चा की गई. सूत्रों के अनुसार भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान को ठुकरा दिया है जिसमें उन्होंने पुलवामा हमले में पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत देने को कहा था. सूत्रों के अनुसार भारत किसी तरह के सबूत पाकिस्तान को सौंपने नहीं जा रहा है क्योंकि इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका पूरी दुनिया के सामने है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों को भारत पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत दे रहा है.

 

(अखिलेश शर्मा NDTV इंडिया के राजनीतिक संपादक हैं)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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