Advertisement

ऑटो ड्राइवर ने प्रेग्नेंट महिला को पहुंचाया अस्पताल, बेटी होने के बाद भाग गई मां तो शख्स ने किया ऐसा...

बैंगलुरु में ऐसी घटना सामने आई जिसको सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. एक ऑटो ड्राइवर ने दर्द से तड़प रही प्रेग्नेंट महिला को अस्पताल पहुंचाया. जब बेटी को जन्म दिया तो महिला अस्पताल से भाग निकली.

Advertisement
Read Time: 4 mins

बैंगलुरु में ऐसी घटना सामने आई जिसको सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. एक ऑटो ड्राइवर ने दर्द से तड़प रही प्रेग्नेंट महिला को अस्पताल पहुंचाया. जब बेटी को जन्म दिया तो महिला अस्पताल से भाग निकली. जिसके बाद ऑटो ड्राइवर ने बच्ची की देख भाल की. लेकिन 18 दिन बाद बच्ची की मौत हो गई. एक तरफ लोग मां पर गुस्सा कर रहे हैं तो वहीं ऑटो ड्राइवर की तारीफ कर रहे हैं. Indiatimes की खबर के मुताबिक, बाबू मुदर्प्पा को बैंगलुरु के वाइटफील्ड रोड पर लेबर पेन के दर्द में एक महिला नजर आई. 

पाकिस्तानी बल्लेबाज ने विराट कोहली की नकल कर जड़े छक्के, देखते रह गए खिलाड़ी, देखें VIDEO

दर्द से तड़प रही महिला को देख ऑटो ड्राइवर बाबू रुक गया और महिला की मदद करने की. बाबू सबसे पहले महिला को पास के अस्पताल में ले गए. जहां से महिला को सीवी रमन अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाबू ने कहा- 'महिला बहुत दर्द में थी. मैंने उनसे कोई सवाल नहीं पूछा और एडमीशन फॉर्म पर अपनी डीटेल्स भरकर उन्होंने एडमिट किया.' एडमीशन प्रोसेस में पता चला कि महिला का नाम नंदिता है. इसके अलावा उनके पास महिला के बारे में कोई और जानकारी नहीं थी. 

एमएस धोनी को नहीं है देरी पसंद, खिलाड़ी नहीं आते वक्त पर तो देते थे ऐसी 'खतरनाक' सजा

एक दिन के बाद महिला ने बच्ची को जन्म दिया. जो प्रीमेच्योर थी. उसका वजन 850 ग्राम ही था. बाबू को इलाज के लिए शिशु को बॉरिंग अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया. वो सीवी रमन अस्पताल रिलीज पेपर भरने पहुंचा. लेकिन उसे पता चला कि मां अस्पताल से निकल चुकी है और बच्ची अस्पताल में ही है. 

नमाज के दौरान पिता के कंधे पर चढ़ गई बेटी, ऊपर चढ़कर ऐसे मारी गुलाटी... देखें Cute Video

ये खबर सुनने के बाद बाबू हैरान रह गया. उसको बच्ची के लिए बहुत बुरा लगा. बाबू ने बच्ची को गोद लेने का फैसला लिया. उसने सोच लिया था कि वो बच्ची को अपनी बेटी की तरह पालेगा. बाबू शादीशुदा है और उनके दो बच्चे भी हैं. बाबू ने कहा- 'बच्ची को देखकर मुझे अपने बच्चे की याद आ गई. मैं बच्ची को छोड़ नहीं सकता है. मैंने अस्पताल का खर्च देने का फैसला लिया.'

इंटर कास्ट शादी कर पति को बलात्कार के आरोप में भिजवाया जेल फिर मां से किया झगड़ा तो...

जिसके बाद बाबू अगले दिन सुबह काम के लिए निकल गया और रात को बच्ची से मिलने पहुंचा. रिपोर्ट्स में पता चला कि बच्ची को सांस लेने में परेशानी आ रही है. लेकिन बताया गया कि बच्ची सुधार कर सकती है और जल्द ठीक हो सकती है. बाबू बच्ची के लिए खाना और दवाइयां लाया. लेकिन 18 दिन तक संघर्ष करने के बाद बच्ची की मौत हो गई. 

मगरमच्छ ने बच्चे को पकड़ लिया था जबड़े में, चिल्लाया तो दोस्तों ने फेंकने शुरू कर दिए पत्थर और फिर...

बाबू ने किसी को नहीं बताया कि अस्पताल में उसके कितने रुपये खर्च हुए. उन्होंने कहा- 'वो वक्त और पैसा जो मैंने खर्च किया, उसके बारे में बताना ठीक नहीं है. वो मेरी बच्ची की तरह थी. हम कभी अपने बच्चों के ऊपर खर्चे के बारे में नहीं बताते या गिनते.'

Featured Video Of The Day
Pune Porsche Case: जिस बार में कार ड्राइवर ने शराब पी, उसके 2 मालिकों को किया गया गिरफ़्तार

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: