प्लेन क्रैश के बाद अमेजन के खतरनाक जंगलों में 40 दिन बाद जिंदा मिले 4 बच्चे, जानिए बच्चों ने कैसे दी मौत को मात?

अमेजन के जंगल कितने खतरनाक है, इसका अंदाजा भी लगाना नामुमकिन है. यहां हर पल जिंदगी पर मौत का साया मंडराता रहता है, लेकिन कमाल की बात ये है कि इस जानलेवा जंगल में 4 छोटे बच्चे 40 दिनों तक बिना किसी के मदद के जिंदा रहने में कामयाब रहे, जिन्हें अब सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है.

प्लेन क्रैश के बाद अमेजन के खतरनाक जंगलों में 40 दिन बाद जिंदा मिले 4 बच्चे, जानिए बच्चों ने कैसे दी मौत को मात?

रेस्क्यू किए गए बच्चों के साथ बचाव दल की टीम

बगोटा:

एक छोटे विमान दुर्घटना के बाद कोलंबियाई अमेज़ॅन रेनफॉरेस्ट में एक महीने से अधिक समय से लापता चार स्वदेशी बच्चे जीवित पाए गए हैं. इस बारे में खुद राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए राजधानी बोगोटा में मीडिया से कहा, "आज का हमारा दिन जादुई रहा."उन्होंने कहा, "बच्चे कमजोर हैं और फिलहाल डॉक्टरों को अपना काम करने दें." राष्ट्रपति ने इससे पहले ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें कई लोग दिख रहे थे. इसमें से कुछ ने सैन्य वर्दी पहन रखी थी और जंगल में तिरपाल पर बैठे बच्चों की देखभाल कर रहे थे.

एक रेस्क्यू टीम मेंबर ने सबसे छोटे बच्चे के मुंह पर एक बोतल रखी, जिसे उसने अपनी बांहों में पकड़ रखा था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "पूरे देश के लिए खुशी! कोलंबिया के जंगल में 40 दिन पहले खो गए 4 बच्चे जिंदा मिल गए हैं." रक्षा मंत्रालय द्वारा शुक्रवार देर रात साझा किए गए वीडियो में बच्चों को एक हेलीकॉप्टर में ले जाते हुए दिखाया गया है. मूल रूप से ह्यूटोटो स्वदेशी समूह के बच्चे - 13, नौ, चार और एक वर्ष की आयु - 1 मई से जंगल में अकेले भटक रहे थे. जब से उनका सेसना 206 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें वे यात्रा कर रहे थे.

पायलट ने सैन जोस डेल ग्वावियारे शहर के लिए 350 किलोमीटर (217 मील) की यात्रा पर अरराकुआरा नामक जंगल क्षेत्र से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही इंजन में खामी की सूचना दी थी. पायलट, बच्चों की मां और एक स्थानीय स्वदेशी नेता के शव सभी दुर्घटनास्थल पर पाए गए, जहां विमान पेड़ों में लगभग सीधा खड़ा था. अधिकारियों ने बाद में कहा कि समूह एक सशस्त्र समूह के सदस्यों की धमकियों से भाग रहा था. जिस जंगल में रेस्क्यू चलाया गया वो क्षेत्र जगुआर, सांप और अन्य शिकारियों के साथ-साथ सशस्त्र ड्रग तस्करी समूहों का अड्डा है.

लेकिन इस दौरान उन्हें सुराग के तौर पर पैरों के निशान, एक डायपर, आधा खाया हुआ फल मिले, जिन्हें देख अधिकारियों को विश्वास होने लगा कि वे सही रास्ते पर हैं. मगर चिंता इस बात चिंता की थी कि बच्चे भटकते रहेंगे और उनका पता लगाना और भी मुश्किल हो जाएगा. बचावकर्ता बच्चों की दादी द्वारा रिकॉर्ड किया गया एक संदेश भी प्रसारित कर रहे थे, जिसमें उनसे इधर-उधर ने  भटकने आग्रह किया गया था. ह्यूटोटो के बच्चे शिकार करना, मछली पकड़ना करना सीखते हैं, और बच्चों के दादा, फिडेंशियो वालेंसिया ने एएफपी को बताया था कि बच्चे जंगल से अच्छी तरह परिचित हैं.

बचाव की खबर तब आई जब पेट्रो क्यूबा से घर लौटे, जहां उन्होंने कोलंबिया के अंतिम सक्रिय गुरिल्ला समूह, ईएलएन के साथ छह महीने के युद्धविराम पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने बोगोटा में संवाददाताओं से कहा, "ईएलएन के साथ आगे बढ़ने वाले समझौते में करीब आना और शांति प्राप्त करना ... और अब मैं लौटता हूं और पहली खबर यह है कि वास्तव में स्वदेशी समुदाय जो खोज में थे और सैन्य बलों ने 40 दिन बाद बच्चों को खोज लिया." इसी के साथ उन्होंने बताया कि इस जब बच्चों को रेस्क्यू किया गया तब वे अकेले थे. ये सर्वाइवल का ऐसा उदाहरण है जो इतिहास में दर्ज होगा. वालेंसिया ने एएफपी को बताया कि बच्चे अरराकुआरा के एक मूल निवासी द्वारा खोजे गए थे जो खोज में भाग ले रहा था.

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