जातिगत जनगणना की रिपोर्ट को लेकर अभी से ही ये अटकलें हैं कि पिछड़ी और मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या मौजूदा अनुमानों से कहीं ज्यादा है। 1931 के बाद देश में पहली बार जातिगत जनगणना कराई, लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इसकी रिपोर्ट जारी ना करने का फैसला किया है। इस मुद्दे पर सारी विपक्षी पार्टियां लामबंद हो रही है। सोमवार को पटना में राष्ट्रीय जनता दल ने राजभवन पर मार्च किया और कहा कि डर के कारण सरकार इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर रही है।