Safdar Hashmi: सफदर हाशमी, एक रंगकर्मी और क्रांतिकारी, जिन्होंने नुक्कड़ नाटक को शोषित और वंचित वर्गों की आवाज़ बनाया. उनके नाटक "हल्ला बोल" और विचारधारा आज भी सामाजिक संघर्षों में प्रेरणा का स्रोत हैं. 1989 में उनकी हत्या के बावजूद, उनकी कला और विचार आज भी जीवंत हैं.