आसान नहीं है प्राइवेट स्कूलों के ख़िलाफ़ बोलना. शुरू में तो लोगों ने अकेले आवाज़ उठाई, मगर अब तो कई संगठन बन गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों के खिलाफ ज़्यादा प्रदर्शन रविवार को होते हैं, जब माता-पिता घर पर होते हैं. बिल्डरों के खिलाफ भी ज़्यादातर प्रदर्शन रविवार को ही होते हैं. यही हाल रहा तो रविवार का नाम प्रदर्शनवार हो जाएगा.