Madhya Pradesh में ₹150 करोड़ से ज्यादा की 263 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं खा रही हैं धूल

सब "मिट्टी" में! जी हां आपने सही पढ़ा, क्योंकि जिस तरह से मध्य प्रदेश में मृदा परीक्षण केंद्र (Mitti Parikshan Prayogshala) के हाल हैं, उसे देखते हुए लाइन बिल्कुल सटीक बैठती है. आज हमारे प्रदेश के अन्नदाताओं (Farmers) को पता ही नहीं है कि मिट्टी में किस पोषक तत्व (Soil Nutrients) की कमी हो रही है. पहले की बात करें तो देश की मिट्टी में नाइट्रोजन (Nitrogen) और फॉस्फोरस (Phosphorus) की कमी थी, उसके बाद 90 के दशक में पोटैशियम (Potassium) और सल्फर (Sulphur) कम हुआ. अब हमारी मिट्टी में जिंक, अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी है. लेकिन आज एमपी के किसान मिट्‌टी की जांच के लिए परेशान है क्यों कि उनको लैब नहीं मिल पा रही है. वहीं सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है. तो चलिए सरकारी दावों और किसानों से किये गये वायदों के बीच हम आपको मध्यप्रदेश के 10 जिलों से हमारी ये ग्राउंड रिपोर्ट दिखाते हैं.

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