SP नेता आज़म खां को SC से बड़ी राहत, ज़मीन पर कब्ज़े और ठगी मामले में मिली अंतरिम ज़मानत
आजम खां से जब अखिलेश यादव द्वारा इस संघर्ष में उनका साथ न देने और मुसलमानों की नाराजगी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, मेरी तबाहियों में मेरा अपना हाथ है. खान ने सवालिया लहजे में पूछा, मुझ पर मुकदमे कायम कराने वाले कौन लोग हैं, सबसे पहले आठ मुकदमे मेरे ऊपर हुए और उन लोगों ने कहा कि आजम खान ने जबरन मुझसे जमीन छीन ली. जिन आठ लोगों ने दीवानी अदालत में मुझ पर मुकदमे किये उन आठों लोगों के भुगतान चेक से किए गए थे. आजम ने कहा, जो जमीन दो हजार रुपये बीघा की नहीं थी, उस वक्त उन्होंने एक बीघे के लिए 40 हजार रुपये दिये. सारे लोग मुकदमे हार गये और हमसे लिए पैसे से लोगों ने हज किये, दो बीघा जमीन थी तो आठ बीघा जमीन खरीद ली.
27 माह के संघर्ष में सपा की भूमिका को लेकर उठे सवाल पर आजम ने कहा कि ''मैं खतावार मानता ही नहीं हूं तो माफ किसलिए करूं. मेरे लिए जिसने जितना किया उसका शुक्रिया, जिसने नहीं किया उसका भी शुक्रिया. किसने कितना किया, यह आपसे बेहतर कौन जान सकता है.'' जेल में अखिलेश यादव द्वारा भेजे एक प्रतिनिधिमंडल से आजम खान द्वारा मुलाकात करने से मना कर दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि तब उनकी तबीयत ठीक नहीं थी.
आजम खान ने पिछले दिनों जेल में प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव और कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम से मुलाकात की लेकिन सपा के वरिष्ठ विधायक रविदास मेहरोत्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात नहीं की थी. बेहद भावुक आजम खान ने कहा, मैं उस वक्त नहीं मरा जब उन्हें कोरोना हुआ था और वह अस्पताल में अकेले जिंदा बचे. मेरे सामने सारी लाशें गईं, मेरे सामने वार्ड खाली होता था और फिर भर जाता था, मैं तब नहीं मरा, मेरे चाहने वालों ने बहुत कोशिश की, मैं फिर जिंदा बाहर आ गया. मैं समझता हूं कि मैंने जो शिक्षा का अभियान शुरू किया वह सदियों तक याद रहेगा.'
यूपी विधानसभा में दसवीं बार के सदस्य आजम खान ने कहा कि 'मैंने अपनी सारी जिंदगी एक चीज साबित करने की कोशिश की कि मेरी वफादारी संदिग्ध नहीं है, मैं जमीर बेचने वाला नहीं हूं, न मैं देश बेचने वाला हूं और न मैं कौम बेचने वाला हूं. ये मैंने आपातकाल के वक्त भी साबित कर दिया था.' इससे पहले अखिलेश यादव की पार्टी के नेता रविदास मेहरोत्रा जब जेल में उनसे मिलने पहुंचे थे, तब आजम उनसे नहीं मिले थे, जबकि शिवपाल सिंह से उनकी मुलाकात हुई थी.
आजम खान लंबे काफिले और फूल मालाओं से स्वागत के बीच रामपुर पहुंचे. आजम खान ने 'सुप्रीम कोर्ट की जय' करते हुए अपनी बात की शुरुआत की.
आजम ने कहा 'कपिल सिब्बल साहब का शुक्रिया. शुक्रिया बहुत छोटा शब्द है, मेरे पास शब्द नहीं हैं कि मैं अपने प्रति उनके व्यवहार के लिए शुक्रिया अदा कर सकूं. आजम ने कहा, ऊपर वाले ने उन्हें जो ताकत दी है, उसने उसका बहुत ही ईमानदारी के साथ इस्तेमाल किया और जब तक ऐसे जज हिंदुस्तान में बाकी हैं...सर्वोच्च अदालत जिंदाबाद.' आजम ने सवाल किया, सरकार या सरकार की पार्टी (बीजेपी) को न जाने उनसे इतनी नफरत क्यों है, आज तक वह यह नहीं समझ सके. वह इसे जानने की कोशिश करेंगे.उन्होंने कहा, इस वक्त उनके लिए बीजेपी, बीएसपी या कांग्रेस इसलिए बड़ा सवाल नहीं है, क्योंकि उनके परिवार पर हजारों की तादाद में मुकदमे दर्ज हैं.
खान ने कहा, 'आज मुसलमानों को जो भी सजा मिल रही है, यह उनके 'वोट के हक' की सजा मिल रही है. सारे सियासी दल यह समझते हैं कि मुसलमान सियासी जमातों के समीकरण खराब कर देते हैं.सपा नेता ने मुस्लिम धर्म से जुड़े प्रमुख शिक्षण संस्थानों का नाम लेते हुए कहा कि वह बरेली, नदवा, मुबारकपुर, देवबंद के लोगों से इस बात की चर्चा करेंगे कि कहीं ये वोट तो हमारी बर्बादी की वजह नहीं हैं.