'दलहन'

- 38 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: भाषा |शनिवार जुलाई 9, 2022 12:21 AM IST
    फसल वर्ष (Harvest year) 2021-22 (जुलाई-जून) की समान अवधि में 95 लाख हेक्टेयर में धान और 97.56 लाख हेक्टेयर में तिलहन (oilseeds) बोया गया था. चालू खरीफ सीजन में आठ जुलाई तक दालों का रकबा एक प्रतिशत बढ़कर 46.55 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 46.10 लाख हेक्टेयर था.
  • India | Reported by: भाषा |मंगलवार मई 17, 2022 04:27 PM IST
    आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (तिलहन और दलहन) डॉ. संजीव गुप्ता ने इंदौर में बताया,‘‘यह एक महत्वपूर्ण विषय है कि देश का 23 प्रतिशत खाद्य तेल पेंट, वार्निश और अन्य उत्पाद बनाने वाले कारखानों में चला जाता है. खाद्य तेल के इस औद्योगिक इस्तेमाल को रोकना बेहद जरूरी है.’’
  • Uttar Pradesh | Reported by: भाषा |सोमवार दिसम्बर 6, 2021 06:55 PM IST
    यूपी कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू ने आरोप लगाया कि बुंदेलखंड के सभी जिलों एवं आगरा मंडल सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश जो अगेती दलहन, आलू की फसल के लिए पूरी दुनिया में अपनी पहचान रखता है, वहां उर्वरक की कमी के कारण फसल खराब होने की आशंका बढ़ गई है.
  • India | Reported by: अखिलेश शर्मा |बुधवार सितम्बर 8, 2021 03:48 PM IST
    दलहन औऱ तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बड़ी बढ़ोतरी के पीछे वजह इनकी देश में कम उत्पादन और बढ़ती मांग को माना जा रहा है. सरसों तेल के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं. विपक्षी दलों की ओर से आलोचना की जाती रही है कि एक और खाद्य तेलों के दाम ऊंचाई पर हैं, लेकिन तिलहन का एमएसपी नहीं बढ़ाया जा रहा है. 
  • India | Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण |शुक्रवार फ़रवरी 5, 2021 01:17 PM IST
    केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020 लागू कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तु की सूची से हटा दिया है. यानी प्राइवेट कंपनियां इन वस्तुओं को अपनी मर्जी से जमा कर सकती हैं. पहले ऐसा करना जमाखोरी कहलाता था और वह कानून अपराध था.
  • MP-Chhattisgarh | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शनिवार मई 2, 2020 11:06 PM IST
    छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहा जाता है. यहां धान की 22 हजार से अधिक प्रजाति हैं. 70 फीसद किसान धान की खेती करते हैं, लेकिन अब ये धान सरकार के लिए फिक्र का सबब बना हुआ है इसलिए अब सरकार ने दलहन और तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने का फैसला किया है. एक और तकलीफ सरकारी तिजोरी से 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदे जाने के बावजूद  सरकारी लापरवाही की वजह से लाखों क्विंटल खुले में रखा धान कई बार बारिश झेलकर सड़ने को मजबूर है.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: सचिन झा शेखर |शनिवार अप्रैल 25, 2020 03:57 AM IST
    संपूर्ण लॉकडाउन के कारण, सभी थोक मंडियों को 25.03.2020 को बंद कर दिया गया था. भारत में 2587 प्रमुख कृषि बाजार उपलब्ध हैं, जिनमें से 1091 बाजार 26.03.2020 पर कार्य कर रहे थे.23.04.2020 तक, 2067 बाजारों को कार्यात्मक बनाया गया था.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र |सोमवार जुलाई 29, 2019 11:19 PM IST
    कमजोर मॉनसून की वजह से 15 राज्यों के बड़े जलाशयों में पानी औसत से काफ़ी नीचे गिर गया है. कमज़ोर मॉनसून का असर खेती पर भी दिख रहा है. फ़सलों की बुवाई इस साल 47 लाख हेक्टेयर से कम ज़मीन पर हुई है. कमज़ोर और देर से आए मानसून का असर खरीफ की फसलों की बुआई पर दिख रहा है. बीते साल 26 जुलाई तक दलहन की बुवाई 101.84 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर हुई थी. इस साल 26 जुलाई तक 82.92 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर ही बुवाई हो सकी. यानी एक साल में 18.92 लाख हेक्टेयर कम ज़मीन पर बुवाई.
  • India | Reported by: Haribans Sharma |सोमवार जुलाई 22, 2019 09:23 PM IST
    मानसून की वर्तमान स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को सहायता पहुंचाने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने तत्काल बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों से बात कर उनकी जरूरत के अनुसार उन्हें सहायता पहुंचाने की रणनीति एक सप्ताह के भीतर पूरी कर लें. उन्होंने सभी उपायुक्तों को इस मसले पर अलर्ट करते हुए हर जिले में दलहन और तिलहन के बीज, खाद आदि की उपलब्धता भरपूर रहे, इसकी व्यवस्था करने को कहा.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: सूर्यकांत पाठक |मंगलवार जुलाई 9, 2019 02:18 AM IST
    कमजोर मानसून की वजह से देश में सूखे का संकट बड़ा होता दिख रहा है. फ़सलों की बुआई पर इसका सीधा असर पड़ा है. चावल-दाल की बुवाई 36 लाख हेक्टेयर कम हो गई है. चिंतित सरकार इसको लेकर बैठक कर रही है.
और पढ़ें »

दलहन वीडियो

दलहन से जुड़े अन्य वीडियो »

 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com