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What Is Ayodhya Issue

'What Is Ayodhya Issue' - 2 News Result(s)
  • अयोध्या विवाद का पूरा इतिहास, जानें अब तक क्या-क्या हुआ, 25 बड़ी बातें

    अयोध्या विवाद का पूरा इतिहास, जानें अब तक क्या-क्या हुआ, 25 बड़ी बातें

    अयोध्या में मंदिर मस्जिद के लिए मुकदमा लड़ते सवा सौ साल हो गया है. इस एक मुद्दे ने बड़े बड़े नेता बना दिए. सरकारें बना दीं और सरकारें गिरा दीं. सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये शुक्रवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति गठित कर दी. इस समिति को आठ सप्ताह के भीतर मध्यस्थता की कार्यवाही पूरी करनी है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मध्यस्थता के लिये गठित समिति के अन्य सदस्यों में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू शामिल हैं. पीठ ने कहा कि समिति, आवश्यकता हो तो, इसमें और सदस्य शामिल कर सकती है. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.

  • अयोध्या : मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें

    अयोध्या : मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें

    सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मध्यस्थता के जरिए इस मसले को सुलझाने का आदेश दिया है. माना जा रहा है कि बातचीत से सालों से चले रहे इस विवाद का निपटारा किया जा सकता है. हालांकि कोर्ट से इतर भी कई बार बातचीत की कोशिश हो चुकी है. लेकिन इस मुद्दे को लेकर सभी पक्षों को मनाना आसान नहीं काम नहीं था. हालांकि इस फैसले के पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की बात कई बार कह चुका है. आज आया फैसला कई मायनों में अहम है क्योंकि इस बातचीत कोर्ट की निगरानी में होगी. बातचीत के लिए एक समिति का गठन किया गया है. जिससे अध्यक्ष मोहम्मद इब्राहिम खलीफुल्ला हैं. वह 22 जुलाई को 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर रिटायर हुए थे. इसके अलावा धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू मध्यस्थता समिति में शामिल हैं.

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  • अयोध्या विवाद का पूरा इतिहास, जानें अब तक क्या-क्या हुआ, 25 बड़ी बातें

    अयोध्या विवाद का पूरा इतिहास, जानें अब तक क्या-क्या हुआ, 25 बड़ी बातें

    अयोध्या में मंदिर मस्जिद के लिए मुकदमा लड़ते सवा सौ साल हो गया है. इस एक मुद्दे ने बड़े बड़े नेता बना दिए. सरकारें बना दीं और सरकारें गिरा दीं. सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये शुक्रवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति गठित कर दी. इस समिति को आठ सप्ताह के भीतर मध्यस्थता की कार्यवाही पूरी करनी है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मध्यस्थता के लिये गठित समिति के अन्य सदस्यों में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू शामिल हैं. पीठ ने कहा कि समिति, आवश्यकता हो तो, इसमें और सदस्य शामिल कर सकती है. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.

  • अयोध्या : मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें

    अयोध्या : मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें

    सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मध्यस्थता के जरिए इस मसले को सुलझाने का आदेश दिया है. माना जा रहा है कि बातचीत से सालों से चले रहे इस विवाद का निपटारा किया जा सकता है. हालांकि कोर्ट से इतर भी कई बार बातचीत की कोशिश हो चुकी है. लेकिन इस मुद्दे को लेकर सभी पक्षों को मनाना आसान नहीं काम नहीं था. हालांकि इस फैसले के पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की बात कई बार कह चुका है. आज आया फैसला कई मायनों में अहम है क्योंकि इस बातचीत कोर्ट की निगरानी में होगी. बातचीत के लिए एक समिति का गठन किया गया है. जिससे अध्यक्ष मोहम्मद इब्राहिम खलीफुल्ला हैं. वह 22 जुलाई को 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर रिटायर हुए थे. इसके अलावा धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू मध्यस्थता समिति में शामिल हैं.