Siddique Kappan Arrest
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SC ने पत्रकार कप्पन की जमानत याचिका की स्वीकार, कहा - "सभी को अभिव्यक्ति की आजादी"
- Friday September 9, 2022
- Reported by: भाषा
जमानत याचिका का निपटारा करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा और इस विवाद से जुड़े किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं करेगा.
- ndtv.in
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की याचिका SC में फिर टली, जनवरी के तीसरे हफ्ते में सुनवाई
- Monday December 14, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: तूलिका कुशवाहा
सिद्दीक कप्पन को रिहा करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को जनवरी के तीसरे हफ्ते के लिए टाल दी है. याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने यूपी सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए समय मांगा था.
- ndtv.in
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सिद्दीक कप्पन की रिहाई का मामला : SC को एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर ऐतराज, फिर टली सुनवाई
- Wednesday December 2, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: तूलिका कुशवाहा
बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील सिब्बल से पूछा कि वो इस मामले में हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सिब्बल से कहा, 'क्या आप हमें कोई मिसाल दिखा सकते हैं, जहां एक एसोसिएशन ने राहत की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था.'
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट से केरल के पत्रकार की यूपी में गिरफ्तारी की जांच कराने की मांग
- Tuesday December 1, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (Kerala Union of Working journalists) ने उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) द्वारा पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique kappan) की कथित अवैध गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक सेवानिवृत्त जज से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में यूपी सरकार (UP Government) के दावों पर सवाल उठाए गए हैं. यूनियन ने कहा है कि कप्पन की रिहाई की मांग करने वाली याचिका के जवाब में यूपी सरकार द्वारा दी गई दलीलें झूठी और तुच्छ हैं. हलफनामे में कहा गया है कि 56 दिनों तक सिद्दीक को हिरासत में रखना गैरकानूनी है. साथ ही पुलिस द्वारा उसे हिरासत में यातना देने का भी आरोप लगाया गया है.
- ndtv.in
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SC ने पत्रकार कप्पन की जमानत याचिका की स्वीकार, कहा - "सभी को अभिव्यक्ति की आजादी"
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की याचिका SC में फिर टली, जनवरी के तीसरे हफ्ते में सुनवाई
- Monday December 14, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: तूलिका कुशवाहा
सिद्दीक कप्पन को रिहा करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को जनवरी के तीसरे हफ्ते के लिए टाल दी है. याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने यूपी सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए समय मांगा था.
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सिद्दीक कप्पन की रिहाई का मामला : SC को एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर ऐतराज, फिर टली सुनवाई
- Wednesday December 2, 2020
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बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील सिब्बल से पूछा कि वो इस मामले में हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सिब्बल से कहा, 'क्या आप हमें कोई मिसाल दिखा सकते हैं, जहां एक एसोसिएशन ने राहत की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था.'
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सुप्रीम कोर्ट से केरल के पत्रकार की यूपी में गिरफ्तारी की जांच कराने की मांग
- Tuesday December 1, 2020
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केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (Kerala Union of Working journalists) ने उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) द्वारा पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique kappan) की कथित अवैध गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक सेवानिवृत्त जज से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में यूपी सरकार (UP Government) के दावों पर सवाल उठाए गए हैं. यूनियन ने कहा है कि कप्पन की रिहाई की मांग करने वाली याचिका के जवाब में यूपी सरकार द्वारा दी गई दलीलें झूठी और तुच्छ हैं. हलफनामे में कहा गया है कि 56 दिनों तक सिद्दीक को हिरासत में रखना गैरकानूनी है. साथ ही पुलिस द्वारा उसे हिरासत में यातना देने का भी आरोप लगाया गया है.
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