Ramon Magsasay Award 2019
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रवीश कुमार को मिले रेमॉन मैगसेसे सम्मान पर आया राजनेताओं का रिएक्शन, कहा- आप पर भारतीयों को...
- Tuesday September 10, 2019
- Written by: Samarjeet Singh
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी रवीश कुमार को रैमॉन मैसेसे सम्मान मिलने पर खुशी जताई.
- ndtv.in
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नागरिकों को दो भागों में बांट दिया गया है, राष्ट्रवादी और राष्ट्रद्रोही : रवीश कुमार
- Friday September 6, 2019
- Edited by: मानस मिश्रा
रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार ग्रहण करने के लिए मनीला पहुंचे NDTV के रवीश कुमार ने कहा कि नागरिकों को दो समूहों में बांट दिया गया है एक राष्ट्रवादी और दूसरी ओर राष्ट्रद्रोही. अपने भाषण में और बाद में सवाल-जवाब वाले सेशन में रवीश कुमार कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यह समय नागरिक होने के इम्तिहान का है.
- ndtv.in
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अब न्यूज चैनलों के पास सिर्फ जिम जाने वाले और चॉकलेटी चेहरे वाले एंकर हैं, रिपोर्टर नहीं : रवीश कुमार
- Friday September 6, 2019
- Edited by: मानस मिश्रा
रेमॉन मैगसेसे के मंच से स्पीच देने के बाद सवाल-जवाब सेशन में रवीश कुमार ने मौजूदा पत्रकारिता के स्वरूप पर भी चिंता जताई उन्होंने कहा कि आज न्यूज चैनलों से रिपोर्टर खत्म किए गए जा चुके हैं और अब कोई भी इन्विस्टिगेट करके खबर निकालने वाला नहीं है. रवीश कुमार ने कहा कि अब न्यूज चैनलों के पास जिम जाने वाले और चॉकलेटी चेहरे वाले एंकर बचे हैं जो कार्यक्रम के दौरान अपनी 'मसल पावर' दिखाते हैं.
- ndtv.in
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Ramon Magsasay Award 2019 : रैमॉन मैगसेसे के मंच से बोले रवीश कुमार, मेरे साथ पूरी हिंदी पत्रकारिता आई है
- Friday September 6, 2019
- Edited by: मानस मिश्रा
आज NDTV और समस्त पत्रकारिता जगत के लिए बेहद गौरव का दिन है. NDTV इंडिया के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार एशिया के नोबेल कहे जाने वाले रैमॉन पुरस्कार से सम्मानित होने के लिए फ़िलीपींस की राजधानी मनीला पहुंचे और वहां रैमॉन मैगसेसे के मंच से बात रखी. उन्होंने कहा कि गौरव के इस क्षण में मेरी नज़र चांद पर भी है और ज़मीन पर भी, जहां चांद से भी ज़्यादा गहरे गड्ढे हैं. दुनियाभर में सूरज की आग में जलते लोकतंत्र को चांद की ठंडक चाहिए. यह ठंडक आएगी सूचनाओं की पवित्रता और साहसिकता से, न कि नेताओं की ऊंची आवाज़ से. सूचना जितनी पवित्र होगी, नागरिकों के बीच भरोसा उतना ही गहरा होगा. देश सही सूचनाओं से बनता है. फेक न्यूज़, प्रोपेगंडा और झूठे इतिहास से भीड़ बनती है. रैमॉन मैगसेसे फाउंडेशन का शुक्रिया, मुझे हिन्दी में बोलने का मौका दिया, वरना मेरी मां समझ ही नहीं पातीं, कि क्या बोल रहा हूं. आपके पास अंग्रेज़ी में अनुवाद है और यहां सब-टाइटल हैं.
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रवीश कुमार को मिले रेमॉन मैगसेसे सम्मान पर आया राजनेताओं का रिएक्शन, कहा- आप पर भारतीयों को...
- Tuesday September 10, 2019
- Written by: Samarjeet Singh
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी रवीश कुमार को रैमॉन मैसेसे सम्मान मिलने पर खुशी जताई.
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नागरिकों को दो भागों में बांट दिया गया है, राष्ट्रवादी और राष्ट्रद्रोही : रवीश कुमार
- Friday September 6, 2019
- Edited by: मानस मिश्रा
रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार ग्रहण करने के लिए मनीला पहुंचे NDTV के रवीश कुमार ने कहा कि नागरिकों को दो समूहों में बांट दिया गया है एक राष्ट्रवादी और दूसरी ओर राष्ट्रद्रोही. अपने भाषण में और बाद में सवाल-जवाब वाले सेशन में रवीश कुमार कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यह समय नागरिक होने के इम्तिहान का है.
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अब न्यूज चैनलों के पास सिर्फ जिम जाने वाले और चॉकलेटी चेहरे वाले एंकर हैं, रिपोर्टर नहीं : रवीश कुमार
- Friday September 6, 2019
- Edited by: मानस मिश्रा
रेमॉन मैगसेसे के मंच से स्पीच देने के बाद सवाल-जवाब सेशन में रवीश कुमार ने मौजूदा पत्रकारिता के स्वरूप पर भी चिंता जताई उन्होंने कहा कि आज न्यूज चैनलों से रिपोर्टर खत्म किए गए जा चुके हैं और अब कोई भी इन्विस्टिगेट करके खबर निकालने वाला नहीं है. रवीश कुमार ने कहा कि अब न्यूज चैनलों के पास जिम जाने वाले और चॉकलेटी चेहरे वाले एंकर बचे हैं जो कार्यक्रम के दौरान अपनी 'मसल पावर' दिखाते हैं.
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Ramon Magsasay Award 2019 : रैमॉन मैगसेसे के मंच से बोले रवीश कुमार, मेरे साथ पूरी हिंदी पत्रकारिता आई है
- Friday September 6, 2019
- Edited by: मानस मिश्रा
आज NDTV और समस्त पत्रकारिता जगत के लिए बेहद गौरव का दिन है. NDTV इंडिया के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार एशिया के नोबेल कहे जाने वाले रैमॉन पुरस्कार से सम्मानित होने के लिए फ़िलीपींस की राजधानी मनीला पहुंचे और वहां रैमॉन मैगसेसे के मंच से बात रखी. उन्होंने कहा कि गौरव के इस क्षण में मेरी नज़र चांद पर भी है और ज़मीन पर भी, जहां चांद से भी ज़्यादा गहरे गड्ढे हैं. दुनियाभर में सूरज की आग में जलते लोकतंत्र को चांद की ठंडक चाहिए. यह ठंडक आएगी सूचनाओं की पवित्रता और साहसिकता से, न कि नेताओं की ऊंची आवाज़ से. सूचना जितनी पवित्र होगी, नागरिकों के बीच भरोसा उतना ही गहरा होगा. देश सही सूचनाओं से बनता है. फेक न्यूज़, प्रोपेगंडा और झूठे इतिहास से भीड़ बनती है. रैमॉन मैगसेसे फाउंडेशन का शुक्रिया, मुझे हिन्दी में बोलने का मौका दिया, वरना मेरी मां समझ ही नहीं पातीं, कि क्या बोल रहा हूं. आपके पास अंग्रेज़ी में अनुवाद है और यहां सब-टाइटल हैं.
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