Rahhul Gandhi
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कौन हैं सैम पित्रोदा? राहुल गांधी से क्या है कनेक्शन, सियासी भूचाल ला देने वाले उनके 6 बड़े बयान
- Wednesday May 8, 2024
- Written by: स्वेता गुप्ता
सैम पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. उनको ही भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है. यूपीए सरकार के कार्यकाल में वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वह UN के लिए प्रधानमंत्री का सलाहकार भी रह चुके हैं.
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राफेल पर बवाल: राहुल पर अरुण जेटली का पलटवार- पब्लिक डिस्कोर्स लाफ्टर चैलेंज नहीं कि आप किसी को गले लगाओ या आंख मारो
- Sunday September 23, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के दावे के बाद बैकफुट पर आ रही मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार किया है और सीधा हमला बोला है. राफेल पर मचे बवाल के बाद अरुण जेटली ने राहुल गांधी के गले लगने और आंख मारने वाली घटना पर तंज कसा है और उनकी भाषा को लेकर भी उनकी बुद्धि पर सवाल उठाया है. दरअसल, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के ने राफेल सौदे को लेकर खुलासा किया कि करीब 58,000 करोड़ रुपए के राफेल करार में दसाल्ट एविएशन के लिए साझेदार के तौर पर रिलायंस डिफेंस के नाम का प्रस्ताव भारत सरकार ने ही रखा था और फ्रांस के पास कोई अन्य विकल्प नहीं था.
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राफेल पर तकरार: फ्रांस्वा ओलांद के खुलासे के बाद कांग्रेस और मोदी सरकार के बीच जुबानी जंग शुरू, 15 प्वाइंट्स में जानें पूरा विवाद
- Sunday September 23, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के दावे के बाद भारत में सियासी घमासान जारी है. राफेल सौदे को लेकर भारी राजनीतिक विवाद पैदा होने पर सरकार ने शनिवार को कहा कि दसाल्ट के लिए साझेदार के तौर पर रिलायंस डिफेंस का चयन करने में उसकी ‘कोई भूमिका’ नहीं थी. फ्रांस ने भी कहा कि इस सौदे के लिए किसी भारतीय औद्योगिक सहयोगी के चयन में वह किसी भी तरह शामिल नहीं था. उधर, राफेल विनिर्माता दसाल्ट एविएशन ने स्पष्ट किया है कि ऑफसेट की शर्तों को पूरा करने के लिए रिलायंस डिफेंस लिमिटेड से साझेदारी का फैसला उसका अपना था. हालांकि, फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद जहां एक ओर कांग्रेस मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है, वहीं मोदी सरकार इस मामले में अपनी भूमिका से इनकार कर रही है. राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान को लेकर सरकार पर राहुल गांधी के वार पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कांग्रेस को ‘‘भ्रष्टाचार की जननी’’ करार दिया और आरोप लगाया कि संप्रग शासन के दौरान बाहरी कारणों से राफेल सौदे को अंतिम रूप नहीं देने का दबाव था. वहीं राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि फ्रांस्वा ओलांद जो कह रहे हैं उसका मतलब यह है कि भारत के प्रधानमंत्री चोर हैं.
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कौन हैं सैम पित्रोदा? राहुल गांधी से क्या है कनेक्शन, सियासी भूचाल ला देने वाले उनके 6 बड़े बयान
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सैम पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. उनको ही भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है. यूपीए सरकार के कार्यकाल में वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वह UN के लिए प्रधानमंत्री का सलाहकार भी रह चुके हैं.
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राफेल पर बवाल: राहुल पर अरुण जेटली का पलटवार- पब्लिक डिस्कोर्स लाफ्टर चैलेंज नहीं कि आप किसी को गले लगाओ या आंख मारो
- Sunday September 23, 2018
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राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के दावे के बाद बैकफुट पर आ रही मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार किया है और सीधा हमला बोला है. राफेल पर मचे बवाल के बाद अरुण जेटली ने राहुल गांधी के गले लगने और आंख मारने वाली घटना पर तंज कसा है और उनकी भाषा को लेकर भी उनकी बुद्धि पर सवाल उठाया है. दरअसल, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के ने राफेल सौदे को लेकर खुलासा किया कि करीब 58,000 करोड़ रुपए के राफेल करार में दसाल्ट एविएशन के लिए साझेदार के तौर पर रिलायंस डिफेंस के नाम का प्रस्ताव भारत सरकार ने ही रखा था और फ्रांस के पास कोई अन्य विकल्प नहीं था.
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राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के दावे के बाद भारत में सियासी घमासान जारी है. राफेल सौदे को लेकर भारी राजनीतिक विवाद पैदा होने पर सरकार ने शनिवार को कहा कि दसाल्ट के लिए साझेदार के तौर पर रिलायंस डिफेंस का चयन करने में उसकी ‘कोई भूमिका’ नहीं थी. फ्रांस ने भी कहा कि इस सौदे के लिए किसी भारतीय औद्योगिक सहयोगी के चयन में वह किसी भी तरह शामिल नहीं था. उधर, राफेल विनिर्माता दसाल्ट एविएशन ने स्पष्ट किया है कि ऑफसेट की शर्तों को पूरा करने के लिए रिलायंस डिफेंस लिमिटेड से साझेदारी का फैसला उसका अपना था. हालांकि, फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद जहां एक ओर कांग्रेस मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है, वहीं मोदी सरकार इस मामले में अपनी भूमिका से इनकार कर रही है. राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान को लेकर सरकार पर राहुल गांधी के वार पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कांग्रेस को ‘‘भ्रष्टाचार की जननी’’ करार दिया और आरोप लगाया कि संप्रग शासन के दौरान बाहरी कारणों से राफेल सौदे को अंतिम रूप नहीं देने का दबाव था. वहीं राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि फ्रांस्वा ओलांद जो कह रहे हैं उसका मतलब यह है कि भारत के प्रधानमंत्री चोर हैं.
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