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मध्यप्रदेश : हजारों स्कूलों में टीचर नहीं, इन्हें लगा दिया विधायक जी की सेवा में
- Tuesday July 30, 2019
शिक्षकों की कमी से जूझ रहे मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब विधायक जी की ड्यूटी बजा रहे हैं. शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सरकारी टीचरों को गैर-शैक्षणिक कार्यों के लिए नियुक्त किया जाना प्रतिबंधित है, इसके बावजूद कई विधायकों को लिपिकीय कार्यों के लिए शिक्षकों की सेवाओं की सहुलियत दी गई है. बड़वारा कटनी से विधायक विजय राघवेन्द्र सिंह, सरदारपुर धार से विधायक प्रताप ग्रेवाल, दोनों कांग्रेस विधायक हैं. दोनों के पास टाइपिंग जैसे काम के लिए शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है. वैसे सरकारी आदेश कहता है कि पढ़ाने-लिखाने के अलावा शिक्षकों से और कोई काम नहीं लिया जा सकता.
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ndtv.in
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क्या हम शिक्षकों को पढ़ाने देंगे?
- Thursday November 23, 2017
- Rakesh Kumar Malviya
बहुत पहले से शिक्षकों के जनगणना में डयूटी लगाए जाने सहित कई तरह के गैर शैक्षणिक कार्यों के कार्टून अखबारों में बनते-छपते रहे हैं. इसमें नया यह है कि इस बात को भी अब नापा-तौला जाएगा कि एक समाज में शिक्षक की हैसियत क्या है और उसकी छवि को समाज में किस तरह से गढ़ा जा रहा है. इसमें सबसे बड़ी विडंबना यही है कि नीतिगत रूप से उसकी भूमिका शिक्षक से ज्यादा प्रबंधन की मानी जाने लगी है, ठीक अखबारों के संपादकों जैसी.
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ndtv.in
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अहम फैसला : दिल्ली में शिक्षकों के अच्छे दिन आए, गैर-शिक्षण कार्यों से मिलेगी निजात
- Wednesday December 16, 2015
- Reported by Parimal Kumar, Edited by Suryakant Pathak
शिक्षक केवल शिक्षण पर केंद्रित रहें, इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने प्रधानाचार्यों/स्कूल प्रमुखों के अधिकार बढ़ा दिए हैं। अब प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख अपने स्कूल में गैर-शिक्षण कार्यों के लिए कर्मचारियों की नियुक्तियां कर सकेंगे।
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मध्यप्रदेश : हजारों स्कूलों में टीचर नहीं, इन्हें लगा दिया विधायक जी की सेवा में
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शिक्षकों की कमी से जूझ रहे मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब विधायक जी की ड्यूटी बजा रहे हैं. शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सरकारी टीचरों को गैर-शैक्षणिक कार्यों के लिए नियुक्त किया जाना प्रतिबंधित है, इसके बावजूद कई विधायकों को लिपिकीय कार्यों के लिए शिक्षकों की सेवाओं की सहुलियत दी गई है. बड़वारा कटनी से विधायक विजय राघवेन्द्र सिंह, सरदारपुर धार से विधायक प्रताप ग्रेवाल, दोनों कांग्रेस विधायक हैं. दोनों के पास टाइपिंग जैसे काम के लिए शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है. वैसे सरकारी आदेश कहता है कि पढ़ाने-लिखाने के अलावा शिक्षकों से और कोई काम नहीं लिया जा सकता.
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बहुत पहले से शिक्षकों के जनगणना में डयूटी लगाए जाने सहित कई तरह के गैर शैक्षणिक कार्यों के कार्टून अखबारों में बनते-छपते रहे हैं. इसमें नया यह है कि इस बात को भी अब नापा-तौला जाएगा कि एक समाज में शिक्षक की हैसियत क्या है और उसकी छवि को समाज में किस तरह से गढ़ा जा रहा है. इसमें सबसे बड़ी विडंबना यही है कि नीतिगत रूप से उसकी भूमिका शिक्षक से ज्यादा प्रबंधन की मानी जाने लगी है, ठीक अखबारों के संपादकों जैसी.
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अहम फैसला : दिल्ली में शिक्षकों के अच्छे दिन आए, गैर-शिक्षण कार्यों से मिलेगी निजात
- Wednesday December 16, 2015
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शिक्षक केवल शिक्षण पर केंद्रित रहें, इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने प्रधानाचार्यों/स्कूल प्रमुखों के अधिकार बढ़ा दिए हैं। अब प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख अपने स्कूल में गैर-शिक्षण कार्यों के लिए कर्मचारियों की नियुक्तियां कर सकेंगे।
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