Ngt On Ganga
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गंगा प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई एनजीटी के आदेश पर रोक, उत्तराखंड सरकार को बड़ी राहत
- Friday September 6, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पीयूष जयजान
एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. क्योंकि वे गंगा में अनुपचारित सीवेज के बहाव को रोकने में विफल रहे थे.
- ndtv.in
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गंगा की स्थिति से NGT नाराज, कहा - 'सिगरेट के पैकेट की तरह क्यों नहीं दी जा सकती हानिकारक होने की चेतावनी'
- Friday July 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने गंगा नदी की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर के बीच गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं है. NGT ने कहा कि मासूम लोग श्रद्धापूर्वक नदी का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है. एनजीटी ने कहा, 'मासूम लोग श्रद्धा और सम्मान से गंगा का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं. उन्हें नहीं पता कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. अगर सिगरेट के पैकेटों पर यह चेतावनी लिखी हो सकती है कि यह 'स्वास्थ्य के लिए घातक' है, तो लोगों को (नदी के जल के) प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए'?
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गंगा प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई एनजीटी के आदेश पर रोक, उत्तराखंड सरकार को बड़ी राहत
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एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. क्योंकि वे गंगा में अनुपचारित सीवेज के बहाव को रोकने में विफल रहे थे.
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गंगा की स्थिति से NGT नाराज, कहा - 'सिगरेट के पैकेट की तरह क्यों नहीं दी जा सकती हानिकारक होने की चेतावनी'
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने गंगा नदी की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर के बीच गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं है. NGT ने कहा कि मासूम लोग श्रद्धापूर्वक नदी का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है. एनजीटी ने कहा, 'मासूम लोग श्रद्धा और सम्मान से गंगा का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं. उन्हें नहीं पता कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. अगर सिगरेट के पैकेटों पर यह चेतावनी लिखी हो सकती है कि यह 'स्वास्थ्य के लिए घातक' है, तो लोगों को (नदी के जल के) प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए'?
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