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Barabanki Lok Sabha Seat

'Barabanki Lok Sabha Seat' - 3 News Result(s)
  • लोगों की परेशानियों का मैसेज घर-घर तक पहुंचाने में सफलता से मिली जीत : तनुज पूनिया

    लोगों की परेशानियों का मैसेज घर-घर तक पहुंचाने में सफलता से मिली जीत : तनुज पूनिया

    Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की बाराबंकी (Barabanki) लोकसभा सीट से तनुज पूनिया (Tanuj Punia) दो लाख से अधिक वोटों से जीते हैं. उनके पिता पीएल पूनिया कांग्रेस (Congress) के कद्दावर नेता रहे हैं. तनुज पूनिया ने जोरदार जीत हासिल की है. पीएल पूनिया (PL Punia) भी बाराबंकी से सांसद रह चुके हैं. वे राज्यसभा में भी रहे हैं और कांग्रेस के महासचिव भी रहे हैं. पिता-पुत्र से एनडीटीवी ने विशेष बातचीत की.

  • विवाद के बाद बीजेपी को नए उम्मीदवार की तलाश, 'इंडिया गठबंधन' में आशा जगी; किसे चुनेगा बाराबंकी?

    विवाद के बाद बीजेपी को नए उम्मीदवार की तलाश, 'इंडिया गठबंधन' में आशा जगी; किसे चुनेगा बाराबंकी?

    Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी ने बाराबंकी से उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी, लेकिन मौजूदा सांसद और उम्मीदवार बनाए गए उपेंद्र सिंह रावत का एक वीडियो वायरल के कारण विवाद पैदा हो गया है. उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. ऐसे में बीजेपी को उम्मीदवार ढूंढने में दिक्कत पेश आ सकती है. बाराबंकी अयोध्या मंडल की दो आरक्षित सीटों में से एक है. बाराबंकी अयोध्या डिवीजन का प्रवेश द्वार माना जाता है. इस मंडल में बाराबंकी और बहराईच सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं.

  • बाराबंकी का सांसद तय करने में मुस्लिम मतदाता निर्णायक, जानें यहां के समीकरण

    बाराबंकी का सांसद तय करने में मुस्लिम मतदाता निर्णायक, जानें यहां के समीकरण

    हमेशा से समाजवादियों का गढ़ रहा बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र इस दफा लोकसभा चुनाव में दिलचस्प जंग का गवाह बन गया है. यहां अपने—अपने समीकरण साधने में जुटे प्रत्याशियों की नजर खामोश खड़े मुस्लिम मतदाताओं पर टिक गयी है. समाजवाद के प्रणेताओं में शुमार किये जाने वाले रामसेवक यादव की कर्मभूमि बाराबंकी में वर्ष 1957 से लेकर ज्यादातर वक्त तक समाजवादियों का ही दबदबा रहा. इस सीट पर आम चुनाव और उपचुनावों के कुल 17 मौकों में से सिर्फ पांच बार कांग्रेस, दो बार भाजपा और एक बार बसपा के प्रत्याशी जीते हैं. बाकी मौकों पर समाजवादी विचारधारा के जनप्रतिनिधियों ने ही यहां कब्जा किया है. बाराबंकी, जैदपुर, रामनगर, हैदरगढ़ और कुर्सी विधानसभा सीटों को खुद में समेटे इस सुरक्षित श्रेणी की सीट पर सपा—बसपा गठबंधन ने चार बार सांसद रह चुके राम सागर रावत को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद पी.एल. पुनिया के बेटे तनुज पुनिया पर दांव लगाया है. भाजपा ने जैदपुर सीट से मौजूदा विधायक उपेन्द्र रावत को उम्मीदवार बनाया है. करीब 18 लाख मतदाताओं वाले इस लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण खासा अहम है लेकिन जीत—हार का दारोमदार करीब 25 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम मतदाताओं पर रहता है. 

'Barabanki Lok Sabha Seat' - 3 News Result(s)
  • लोगों की परेशानियों का मैसेज घर-घर तक पहुंचाने में सफलता से मिली जीत : तनुज पूनिया

    लोगों की परेशानियों का मैसेज घर-घर तक पहुंचाने में सफलता से मिली जीत : तनुज पूनिया

    Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की बाराबंकी (Barabanki) लोकसभा सीट से तनुज पूनिया (Tanuj Punia) दो लाख से अधिक वोटों से जीते हैं. उनके पिता पीएल पूनिया कांग्रेस (Congress) के कद्दावर नेता रहे हैं. तनुज पूनिया ने जोरदार जीत हासिल की है. पीएल पूनिया (PL Punia) भी बाराबंकी से सांसद रह चुके हैं. वे राज्यसभा में भी रहे हैं और कांग्रेस के महासचिव भी रहे हैं. पिता-पुत्र से एनडीटीवी ने विशेष बातचीत की.

  • विवाद के बाद बीजेपी को नए उम्मीदवार की तलाश, 'इंडिया गठबंधन' में आशा जगी; किसे चुनेगा बाराबंकी?

    विवाद के बाद बीजेपी को नए उम्मीदवार की तलाश, 'इंडिया गठबंधन' में आशा जगी; किसे चुनेगा बाराबंकी?

    Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी ने बाराबंकी से उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी, लेकिन मौजूदा सांसद और उम्मीदवार बनाए गए उपेंद्र सिंह रावत का एक वीडियो वायरल के कारण विवाद पैदा हो गया है. उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. ऐसे में बीजेपी को उम्मीदवार ढूंढने में दिक्कत पेश आ सकती है. बाराबंकी अयोध्या मंडल की दो आरक्षित सीटों में से एक है. बाराबंकी अयोध्या डिवीजन का प्रवेश द्वार माना जाता है. इस मंडल में बाराबंकी और बहराईच सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं.

  • बाराबंकी का सांसद तय करने में मुस्लिम मतदाता निर्णायक, जानें यहां के समीकरण

    बाराबंकी का सांसद तय करने में मुस्लिम मतदाता निर्णायक, जानें यहां के समीकरण

    हमेशा से समाजवादियों का गढ़ रहा बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र इस दफा लोकसभा चुनाव में दिलचस्प जंग का गवाह बन गया है. यहां अपने—अपने समीकरण साधने में जुटे प्रत्याशियों की नजर खामोश खड़े मुस्लिम मतदाताओं पर टिक गयी है. समाजवाद के प्रणेताओं में शुमार किये जाने वाले रामसेवक यादव की कर्मभूमि बाराबंकी में वर्ष 1957 से लेकर ज्यादातर वक्त तक समाजवादियों का ही दबदबा रहा. इस सीट पर आम चुनाव और उपचुनावों के कुल 17 मौकों में से सिर्फ पांच बार कांग्रेस, दो बार भाजपा और एक बार बसपा के प्रत्याशी जीते हैं. बाकी मौकों पर समाजवादी विचारधारा के जनप्रतिनिधियों ने ही यहां कब्जा किया है. बाराबंकी, जैदपुर, रामनगर, हैदरगढ़ और कुर्सी विधानसभा सीटों को खुद में समेटे इस सुरक्षित श्रेणी की सीट पर सपा—बसपा गठबंधन ने चार बार सांसद रह चुके राम सागर रावत को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद पी.एल. पुनिया के बेटे तनुज पुनिया पर दांव लगाया है. भाजपा ने जैदपुर सीट से मौजूदा विधायक उपेन्द्र रावत को उम्मीदवार बनाया है. करीब 18 लाख मतदाताओं वाले इस लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण खासा अहम है लेकिन जीत—हार का दारोमदार करीब 25 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम मतदाताओं पर रहता है.