'Aap vs centre'

- 21 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Maharashtra | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार जुलाई 6, 2018 06:21 PM IST
    शिवसेना ने कहा कि केंद्र को दिल्ली में 'आप' सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को काम करने की इजाजत देनी चाहिए. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच शक्तियों के बंटवारे के विषय पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आम आदमी पार्टी के पक्ष में आने के बाद शिवसेना का यह बयान आया है. शिवसेना ने कहा कि एलजी और आप सरकार के बीच तकरार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यदि चाहते तो उप राज्यपाल को नियंत्रित कर सकते थे. शीर्ष न्ययालय ने दो दिन पहले एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि एलजी निर्वाचित सरकार की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं और वह बाधक नहीं बन सकते हैं.
  • Delhi-NCR | Reported by: शरद शर्मा, Written by: परिणय कुमार |शुक्रवार जुलाई 6, 2018 05:52 PM IST
    ट्रांसफर-पोस्टिंग के मसले पर दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टकराव अब भी जारी है. कल सर्विसेज़ विभाग ने केजरीवाल सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया था इसके बाद केजरीवाल एलजी से समय लेकर आज उनसे मिलने पहुंचे थे, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ट्रांसफ़र-पोस्टिंग के मुद्दे पर कोई बात नहीं बनी. एलजी अनिल बैजल सर्विसेज़ पर AAP की मांग से असहमत हैं. सूत्रों के मुताबिक एलजी ने केजरीवाल से कहा कि जब तक कोर्ट अलग से नहीं कहता वो सर्विसेज़ विभाग को सरकार के हवाले नहीं कर सकते.
  • Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार जुलाई 5, 2018 10:44 AM IST
    दिल्ली को राज्य तो नहीं मिला मगर कौन राज करेगा उसका हिसाब आज साफ हो गया. लेफ्टिनेंट गवर्नर के सहारे दिल्ली सरकार न चलने देने का जो खेल दो साल से चला है, उस खेल को सही ठहराने के तमाम तर्कों के कंकाल आपको टीवी चैनलों के आर्काइव में मिल जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले से भले कुछ न बदले ऐसा कहने वाले वही कह सकते हैं, जिन्हें अब भी भरोसा है कि कभी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की चाल से तो कभी गवर्नर के बहाने दिल्ली में खेल अब भी खेला जाएगा. फिर भी लंबे समय के लिए दिल्ली के संवैधानिक आसमान पर छाई धुंध छंट गई है. अब दिल्ली का वक्त इस सवाल को लेकर बर्बाद नहीं होगा कि मुख्यमंत्री सरकार चलाएंगे या लेफ्टिनेंट गवर्नर.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जुलाई 4, 2018 07:28 PM IST
    उपराज्यपाल किरण बेदी के साथ विवाद में शामिल पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने निर्वाचित सरकार की शक्तियों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि यह फैसला इस केंद्र शासित प्रदेश पर भी 'पूरी तरह लागू' होता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने चेतावनी दी कि अगर उपराज्यपाल ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार काम नहीं किया तो वह अवमानना की याचिका दायर करेंगे.
  • Delhi-NCR | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जुलाई 4, 2018 05:19 PM IST
    दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने मुख्य फैसले में कहा कि चुनी हुई सरकार लोकतंत्र में अहम है, इसलिए मंत्री-परिषद के पास फैसले लेने का अधिकार है. पीठ ने यह भी कहा कि एलजी के पास कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है. संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि हर मामले में LG की सहमति जरूरी नहीं, लेकिन कैबिनेट को फैसलों की जानकारी देनी होगी.
  • India | भाषा |बुधवार जुलाई 4, 2018 03:22 PM IST
    दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की, अधिकारों की रस्साकशी के मामले में आज आप सरकार को उच्चतम न्यायालय में बहुत ही महत्वपूर्ण सफलता मिली. न्यायालय की संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि उपराज्यपाल को फैसले लेने का कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है और वह निर्वाचित सरकार की सलाह से काम करने के लिए बाध्य हैं. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति के निर्णय में कहा, ‘निरंकुशता और अराजकता के लिये कोई जगह नहीं है. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जुलाई 4, 2018 01:12 PM IST
    दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. दिल्ली सरकार बनाम एलजी के बहुप्रतिक्षित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि दिल्ली की बॉस चुनी हुई सरकार है, एलजी नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजी की मनमानी नहीं चलेगी और हर मामले में फैसले से पहले एलजी की सहमति की जरूरत नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार अहम है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि हर मामले में LG की सहमति जरूरी नहीं है, लेकिन कैबिनेट को फैसलों की जानकारी देनी होगी. 
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जुलाई 4, 2018 01:12 PM IST
    दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजी की मनमानी नहीं चलेगी और हर मामले में फैसले से पहले एलजी की सहमति की जरूरत नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार अहम है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया कि दिल्ली के असली बॉस एलजी नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार ही है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार और एलजी को लेकर कई सारी बातें कहीं. चलिए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एलजी को क्या-क्या कहा है.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जुलाई 4, 2018 03:29 PM IST
    दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने मुख्य फैसले में कहा कि चुनी हुई सरकार लोकतंत्र में अहम है, इसलिए मंत्रीपरिषद के पास फैसले लेने का अधिकार है. संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि हर मामले में LG की सहमति जरूरी नहीं, लेकिन कैबिनेट को फैसलों की जानकारी देनी होगी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, हमने सभी पहलुओं - संविधान, 239एए की व्याख्या, मंत्रिपरिषद की शक्तियां आदि - पर गौर किया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि दिल्ली की असली बॉस चुनी हुई सरकार ही है यानी दिल्ली सरकार. बता दें कि दिल्ली सरकार बनाम उप राज्यपाल के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 11 याचिकाएं दाखिल हुई थीं. 6 दिसंबर 2017 को मामले में पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा था.
  • Delhi | Reported by: भाषा |शनिवार नवम्बर 5, 2016 03:14 AM IST
    दिल्ली सरकार ने अपने द्वारा नियुक्त किए गए 15 वकीलों की नियुक्ति रद्द करने के उपराज्यपाल नजीब जंग के फैसले को शुक्रवार को खारिज कर दिया जिससे उपराज्यपाल कार्यालय एवं आप सरकार के बीच टकराव के एक और दौर की आशंका पैदा हो गई है.
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