'IPC section'

- 42 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार फ़रवरी 8, 2024 06:42 PM IST
    समलैंगिकता को अपराध बताने वाली आईपीसी की धारा 377  के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका का निस्तारण कर सुनवाई बंद कर दी. पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि इस संबंध में 2018 में नवतेज सिंह जौहर केस में फैसला आ चुका है, लिहाजा यह याचिका निष्प्रभावी हो गई है. 
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर |गुरुवार अप्रैल 6, 2023 07:57 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया कि CrPC और IPC प्रावधानों में संशोधन के लिए सरकार सक्रिय तौर पर विचार विमर्श कर रही है. इसमें राजद्रोह कानून भी विचार शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को जांच के लिए तीन महीने का और समय दिया है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पवन पांडे |मंगलवार फ़रवरी 9, 2021 12:29 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस. ए. बोबडे ने कहा कि याचिकाकर्ता इससे कैसे प्रभावित है? आप पर क्या कॉज ऑफ एक्शन है. आपके खिलाफ कोई केस नहीं है. हमने पहले ही तय कर रखा है कि जब तक कोई कॉज ऑफ एक्शन नहीं होगा तो आप इसी तरह कानून को चुनौती नहीं दे सकते हैं. हमारे पास ऐसा कोई केस नहीं है जो जेल में सड़ रहा हो. आप अगर ठोस केस के साथ आते हैं तो देखेंगे.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सुबोध आनंद गार्ग्य |मंगलवार मई 5, 2020 06:07 PM IST
    लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आईपीसी धारा 188 के तहत दर्ज एफआईआर रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी डॉ विक्रम सिंह की याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कार्रवाई नहीं की जाती है तो फिर लॉकडाउन का पालन कैसे कराया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि हम हैरान हैं कि ये कैसी- कैसी याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं. इसके पीछे कोई एजेंडा हो सकता है.  
  • Mumbai | भाषा |रविवार मार्च 15, 2020 11:46 PM IST
    Coronavirus: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने विदेशी या घरेलू पर्यटन स्थलों पर समूह यात्रा कराने से टूर ऑपरेटरों को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 (Section 144) लागू कर दी गई है.
  • Bollywood | Reported by: सुनील कुमार सिंह |गुरुवार अक्टूबर 11, 2018 09:40 AM IST
    पुलिस ने नाना पाटेकर समेत चार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज किया है. शाम 7 बजकर 10 मिनट पर ओशिवरा थाने पहुंची तनुश्री पूरे 5 घंटे बाद रात 12 बजकर 10 मिनट पर थाने से बाहर निकलीं.
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 27, 2018 01:55 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार कानून को रद्द कर दिया और अब से यह अपराध नहीं रहा. सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से व्यभिचार से संबंधित दंडात्मक प्रावधान को असंवैधानिक करार देते हुए उसे मनमाना और महिलाओं की व्यक्तिकता को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए निरस्त किया. मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा, "व्यभिचार अपराध नहीं हो सकता. यह निजता का मामला है. पति, पत्नी का मालिक नहीं है. महिलाओं के साथ पुरूषों के समान ही व्यवहार किया जाना. इस मामले में हुई सुनवाई से संबंधित घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 27, 2018 11:51 AM IST
    158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता  (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 27, 2018 11:38 AM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार-रोधी कानून को रद्द कर दिया है और कहा है कि व्यभिचार अपराध नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यह तलाक का आधार हो सकता है लेकिन यह कानून महिला के जीने के अधिकार पर असर डालता है.
  • File Facts | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: नवनीत मिश्र |गुरुवार सितम्बर 27, 2018 11:34 AM IST
    व्यभिचार कानून की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो भी कानून महिला को उसकी गरिमा से विपरीत या भेदभाव करता है वो संविधान के कोप को आमंत्रित करता है.  ऐसे प्रावधान असंवैंधानिक है. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ के सामने मसला उठा था कि आइपीसी की धारा 497  ध अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- महिला का मास्टर नहीं होता है पति. जानिए दस बातें
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