
वरुण ग्रोवर आज भले ही एक स्टैंड-अप कॉमेडियन, फ़िल्म निर्माता, पटकथा लेखक और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गीतकार हों, लेकिन मुंबई में उनकी साधारण शुरुआत कई घोस्ट-राइटिंग के कामों से हुई, जिनमें स्टार प्लस का एक टेलीविज़न शो भी शामिल है. जहां उन्होंने एक अन्य लेखक के साथ मिलकर टीवी कलाकारों के लिए फ़र्ज़ी फैंस लेटर लिखे, जिनमें स्मृति ईरानी भी शामिल थीं. जिन्हें एकता कपूर के धारावाहिक "क्योंकि सास भी कभी बहू थी" में तुलसी विरानी का किरदार निभाने के लिए जाना जाता है.
वरुण ने कहा, "मुंबई में शुरुआती कुछ नौकरियां लोगों के लिए घोस्ट-राइटिंग की थीं. मुंबई में लेखक बनना बहुत आसान है. लेकिन पटकथा लेखक के तौर पर श्रेय और अच्छी कमाई कर पाना मुश्किल है. इसमें समय लगता है. कोई भी मुफ़्त में अभिनेता नहीं बनता, लेकिन वे मुफ़्त में लेखक बन सकते हैं क्योंकि लोगों की सोच यही होती है कि कोई भी लिख सकता है. ऐसे कई बेतुके लेखन के काम हैं, खासकर टीवी पर, जिन्हें कोई भी कर सकता है."
उन्होंने एक किस्सा याद करते हुए बताया कि उन्होंने एक फ़र्ज़ी फ़ैन लेटर लिखकर पूछा था कि क्या असल ज़िंदगी में तुलसी विरानी का पसंदीदा खाना खिचड़ी है, जैसा कि 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में दिखाया गया है. इसके बाद एक कैमरा क्रू शो के सेट पर जाता और स्मृति ईरानी से वह 'फ़ैन सवाल' पूछता. वरुण ने कहा, "वह सवालों के जवाब भी बहुत ईमानदारी और गंभीरता से देती थीं."
उन्होंने बताया कि उन्हें और उनके साथी घोस्ट-राइटर राहुल पटेल को इस काम के लिए प्रति एपिसोड 2,500 रुपये मिलते थे, यानी प्रति व्यक्ति 1,250 रुपये और हर हफ़्ते 5,000 रुपये मिलते थे. वहीं, शो के लेखक को क्रेडिट के साथ प्रति एपिसोड 15,000 रुपये मिलते थे. वरुण ने आगे कहा, "हमने उनसे कहा कि वे हमें हर एपिसोड के लिए कम से कम 3,000 रुपये दें क्योंकि यह एक राउंड फिगर होगा. तब हमें कम से कम थोड़ा सम्मान तो मिलेगा, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए.
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