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Srikanth Bolla: 100 करोड़ रुपये का है सालाना टर्नओवर, बॉलीवुड ने बनाई फिल्म, अब शार्क टैंक इंडिया के बने नए जज

Srikanth Bolla: इस शख्स की पूरी जिंदगी ही इंस्पायरिंग है. इसकी कंपनी का सालाना टर्नओवर लगभग 100 करोड़ रुपये है और इस पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है. अब ये शार्क टैंक इंडिया के नए जज के तौर पर नजर आएंगे.

Srikanth Bolla: 100 करोड़ रुपये का है सालाना टर्नओवर, बॉलीवुड ने बनाई फिल्म, अब शार्क टैंक इंडिया के बने नए जज
Srikanth Bolla In Shark Tank India: इस इंस्पायरिंग पर्सनेलिटी की होगी शार्ट टैंक इंडिया में एंट्री
नई दिल्ली:

बॉलीवुड ने इस हस्ती पर फिल्म बनाई है और ये पसंद भी की गई है. इनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का है और अब ये टीवी की दुनिया में दस्तक देने जा रहा है. हम बात कर रहे हैं उद्योगपति श्रीकांत बोला (Srikanth Bolla New Judge of Shark Tank India) की, जो अब शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में जज की भूमिका में नजर आएंगे. इस बात की जानकारी खुद श्रीकांत बोला ने इंस्टाग्राम पर दी है. श्रीकांत बोला बोलैंट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ, सह-संस्थापक और चेयरमैन हैं. श्रीकांत बोला अपने संघर्ष और सफलता की कहानी से लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं. उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से अधिक है और यह 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है. इस तरह वह कामयाबी और उद्यमिता की मिसाल हैं.

शार्क टैंक इंडिया के मौजूदा जज अमन गुप्ता, नमिता थापर, अनुपम मित्तल और पीयूष बंसल के साथ श्रीकांत का जुड़ना शो को खास बनाता है. श्रीकांत की प्रेरणादायक जिंदगी ने बॉलीवुड का भी ध्यान खींचा. मई 2024 में रिलीज हुई फिल्म ‘श्रीकांत' में राजकुमार राव ने उनकी भूमिका निभाई, जो दर्शकों के बीच खूब चर्चित रही. श्रीकांत ने हाल ही में शार्क टैंक इंडिया के सेट से तस्वीरें साझा कीं. उन्होंने लिखा, 'शार्क्स के बीच टिकने के लिए आपको खुद एक शार्क बनना पड़ता है.'

श्रीकांत का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के सीतारामपुरम गांव में हुआ था. जन्म से ही आंखों से दिव्यांग होने के बावजूद, उन्होंने अपनी शिक्षा और करियर में असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं. वह मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में मैनेजमेंट साइंस पढ़ने वाले पहले आंखों से दिव्यांग छात्र बने. स्कूल में उन्हें विज्ञान स्ट्रीम लेने से मना किया गया था, लेकिन उन्होंने शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ केस लड़ा और छह महीने बाद अपनी मंजिल हासिल की.

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