Yearender 2024 : रूस-यूक्रेन युद्, इजरायल-हमास संघर्ष, इजरायल-हिजबुल्लाह तनाव… संघर्षों में उलझते देश
साल 2024 जा रहा है और अपने साथ कई चीजें लेकर जा रहा है. यह साल विश्व शांति के लिहाज से निराशाजनक कहा जा सकता है. इस साल कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिसके बाद जानकार यह आशंका जताने लगे कि क्या दुनिया अगले कुछ सालों में एक बड़े युद्ध का सामना करने जा रही है. आइए जानते हैं आखिर वो कौन-सी घटनाएं इस साल घटीं, जो निकट भविष्य में एक बड़े संकट की तरफ इशारा कर रही हैं.
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रूस-यूक्रेन युद्ध: रूस और यूक्रेन युद्ध 2024 में भी जारी रहा. अमेरिका और उसके सहयोगी जहां यूक्रेन के साथ डटकर खड़े रहे, वहीं रूस भी पीछे हटने को तैयार नही है. साल के आखिर में दो ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने ये संकेत दिया कि निकट भविष्य में शांति कायम होने की उम्मीद बहुत कम है. फोटो: IANS
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पिछले दिनों वाशिंगटन ने यूक्रेन को रूस के भीतर लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी. अमेरिका ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए यूक्रेन को एंटी-पर्सनल लैंडमाइंस भेजने का फैसला किया है. इसकी प्रतिक्रिया में रूस ने अपनी परमाणु नीति में संशोधन कर दिया. इसमें नई शर्तें तय की गई हैं कि कब परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है. रूस के इस कदम को भी यूक्रेन युद्ध से जोड़कर देखा गया है. फोटो: AFP
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इजरायल-हमास संघर्ष : 7 अक्टूबर 2023 इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था. हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था. 2024 में गाजा युद्ध अपने सबसे क्रूर और भीषणतम चरण में प्रवेश कर गया. हमास को तबाह करने पर उतारू इजरायल ने गाजा पट्टी को खंडहर में तब्दील कर दिया. तमाम अतंरराष्ट्रीय आलोचना के बावजूद इजरायल के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया. युद्ध के दौरान अमेरिका उसके साथ चट्टान के साथ खड़ा रहा है. फोटो: AFP
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इजरायल-हिजबुल्लाह : गाजा युद्ध ने इजरायल-हिजबुल्लाह तनाव को भी चरम पर पहुंचा दिया. इजरायली सेना ने 23 सितंबर से लेबनानी ग्रुप पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू कर दिए. उसने सीमा पार एक 'सीमित' जमीनी अभियान भी चलाया, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर हिजबुल्लाह को कमजोर करना बताया गया. इजरायली हमलों में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह समेत कई कमांडरों की मौत हो गई और उसके कई ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा. लंबे खूनी संघर्ष के बाद इजरायल और लेबनान की बीच एक समझौता हो गया. लेकिन विश्लेषकों ने इसे बेहद 'कमजोर सुलह' बताया. समझौते के बाद भी इजरायल के हमले जारी रहे. फोटो: AFP
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सीरिया: 13 साल से गृहयुद्ध में उलझा यह देश पिछले कुछ वर्षों में अपेक्षाकृत शांत रहा, लेकिन 2024 में हालात बदल गए. विद्रोही गुटों ने नंवबर में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया. लंबे समय से विद्रोहियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने वाले असद इस बार अपनी सत्ता नहीं बचा पाए. 8 दिसंबर को उन्हें सत्ता छोड़कर भागना पड़ा. फिलहाल सीरिया का भविष्य अधर में है. फोटो: AFP
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1 अप्रैल को, इजरायल ने सीरिया के दमिश्क में एक ईरानी वाणिज्य दूतावास परिसर पर बमबारी की, जिसमें कई वरिष्ठ ईरानी अधिकारी मारे गए. जवाब में, ईरान और उसके प्रतिरोध सहयोगियों की धुरी ने इजरायल से जुड़े जहाज एमएससी एरीज को जब्त कर लिया. तेहरान और उसके सहयोगियों ने 13 अप्रैल को इजरायल के अंदर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. इसके बाद इजरायल ने 19 अप्रैल को ईरान और सीरिया में जवाबी हमले किए. फोटो: AFP
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31 जुलाई को तेहरान में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद तनाव बढ़ गया. ईरान और हिजबुल्लाह ने इजरायल पर हत्या का आरोप लगाया. अक्टूबर 2024 में ईरान ने यहूदी राष्ट्र पर मिसाइलें दागी. इसके बाद इजरायल ने 25 अक्टूबर को ईरान के खिलाफ और जवाबी हमले किए.