महिलाएं और सेल्फ केयर: जानिए आपको गयनेकोलॉजिस्ट को कब और क्यों दिखाना चाहिए
डॉ. रेणु रैना सहगल, निदेशक और प्रसूति और स्त्री रोग, आर्टेमिस अस्पताल और डैफोडील्स की प्रमुख का कहना है कि "रूल बुक में साल में एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाना होना चाहिए". हालांकि, अच्छा प्रजनन और यौन स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए बहुत सी महिलाएं नियमित रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास नहीं जाती हैं. डॉ. सहगल जीवन के विभिन्न चरणों को सूचीबद्ध करते हुए बताती हैं कि एक महिला को स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास कब जाना चाहिए.
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एचपीवी टीकाकरण के लिए 9-11 वर्ष की आयु में आपको गयनेकोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए. एचपीवी वैक्सीन एक ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन है. ह्यूमन पेपिलोमावायरस 98 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर का कारण है एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर होने के खतरे को काफी हद तक कम कर देता है डॉ. सहगल का कहना है कि 9-11 साल की उम्र में वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन बाद में भी 40-45 साल तक इसे लिया जा सकता है.
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जब किसी लड़की को मासिक धर्म की शुरुआत होती है. स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाने से उसे मासिक धर्म की मूल बातें समझने में मदद मिलेगी - सामान्य और असामान्य क्या है और उसे अपने माता-पिता को किसी भी लक्षण की सूचना कब देनी चाहिए, ये जानने में गयनेकोलॉजिस्ट आपकी मदद कर सकते हैं.
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डॉ. सहगल के अनुसार, कुछ महत्वपूर्ण परीक्षण जो हर महिला को करने चाहिए, उनमें शामिल हैं:- पैपनिकोलाउ टेस्ट (पैप स्मीयर) पेल्विक जांच के लिए गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में किसी भी बदलाव का पता लगाने के लिए. यह ग्रीवा कैंसर को जन्म दे सकता है. डॉ. सहगल तीन साल में एक बार पैप स्मीयर की सलाह देते हैं और अगर किसी व्यक्ति को एचपीवी का टीका लगाया गया है, तो हर पांच साल में एक पैप परीक्षण किया जा सकता है मानव स्तनों की जांच के लिए 40 वर्ष की आयु के बाद मैमोग्राम गर्भाशय में किसी भी तरह के सिस्ट, फाइब्रॉएड या किसी भी तरह की असामान्यता का पता लगाने के लिए हर साल अल्ट्रासाउंड थायराइड, विटामिन डी, विटामिन बी12, हीमोग्लोबिन और ब्लड शुगर के लेवल की जांच के लिए बुनियादी टेस्ट